आखिर क्यों एक साथ 200 से अधिक भारतीय हिन्दू गए पाकिस्तान, पढ़िए वजह
By भाषा | Published: December 6, 2018 01:19 AM2018-12-06T01:19:57+5:302018-12-06T01:19:57+5:30
नयी दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग ने बताया था कि उसने 220 भारतीय को सिंध प्रांत जाने के लिए वीजा जारी किया गया है।
शिव अवतारी शदाराम साहिब की 310 वीं जयंती पर आयोजित होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए 200 से ज्यादा हिंदू तीर्थयात्री बुधवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत स्थित मीरपुर मथीलू पहुंचे। ये खबर सोशल मीडिया पर काफी पढ़ी जा रही है और वायरल भी हो रही है।
इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के अध्यक्ष (ईटीपीबी) के अध्यक्ष तारीक वजीर ने तीर्थयात्रियों का बाघा सरहद पर स्वागत किया।
इससे पहले नयी दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग ने बताया था कि उसने 220 भारतीय को सिंध प्रांत जाने के लिए वीजा जारी किया है।
ईटीपीबी के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने पीटीआई भाषा को बताया कि बुधवार को 206 हिन्दू लाहौर पहुंचे हैं।
उन्होंने कहा कि सिंध के सुक्कुर में पांच से 16 दिसंबर के बीच आयोजित होने वाले उत्सव में हिस्सा लेने के लिए पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक भारतीय हिन्दू तीर्थयात्रियों के पहुंचने की संभावना है।
हाशमी ने कहा कि यात्रियों को ले जाने और उनकी सुरक्षा के सभी इंतजाम कर लिए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ यात्री मीरपुर मथीलू के लिए ट्रेन से रवाना हो गए हैं जहां बृहस्पतिवार को मुख्य कार्यक्रम होगा।
उधर, नयी दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग ने एक विज्ञप्ति के जरिए बताया कि उसने सुक्कुर में पांच से 16 दिसंबर तक शिव अवतार सतगुरू संत शदाराम साहिब की जयंती मनाने के लिए 220 भारतीय हिन्दू तीर्थयात्रियों को वीजा दिया है।
उच्चायोग ने कहा कि वीजा तीर्थाटन पर जाने और लोगों में आपसी संपर्क को बढ़ने के पाकिस्तानी सरकार की कोशिशों के तहत दिया गया है।
वाघा सरहद पर भारतीय यात्रियों के नेता युद्धिष्ठर लाल ने कहा, ‘‘ हम यहां प्रेम का संदेश लाए हैं। हम दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध चाहते हैं। हम यहां अपना मंदिर संरक्षित देखकर खुश हैं।
सुक्कुर में 300 साल पुराना शदानी दरबार तीरथ है। यह हिन्दू समुदाय के लिए पवित्र स्थल है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर की नींव 1786 में संत शदाराम साहिब ने रखी थी जिनका जन्म 1708 में लाहौर में हुआ था।