हैदराबाद गैंगरेप पीड़िता को लेकर शख्स ने फेसबुक पर लिखा कुछ ऐसा कि हुआ गिरफ्तार, 'दिशा' के बारे में लिखने से पहले एक बार आप भी सोच लें

By पल्लवी कुमारी | Published: December 4, 2019 01:46 PM2019-12-04T13:46:43+5:302019-12-04T13:46:43+5:30

27 नवंबर की रात हैदराबाद की 26 वर्षीय महिला डॉक्टर का गैंगरेप और हत्या कर जला दिया गया था। 28 नवंबर की सुबह हाईवे-44 के एक ब्रिज के नीचे पीड़िता की लाश मिली थी। जिसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया।

one held for vulgar posts about Hyderabad rape vicitim on Facebook Before writing about 'Disha'think once | हैदराबाद गैंगरेप पीड़िता को लेकर शख्स ने फेसबुक पर लिखा कुछ ऐसा कि हुआ गिरफ्तार, 'दिशा' के बारे में लिखने से पहले एक बार आप भी सोच लें

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने एक निर्देशानुसार किसी भी रेप पीड़िता का नाम और पहचान आप उजागर नहीं कर सकते हैं।पुलिस चवान श्रीराम के खिलाफ 30 दिसंबर को स्वत संज्ञान लेते हुए अपमानजनक पोस्ट लिखने वाले लड़के के खिलाफ एफआईआर लिखा था।

हैदराबाद गैंगरेप पीड़िता (दिशा) के बारे में सोशल मीडिया पर एक तरफ जहां चारों आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की जा रही है तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दिशा (गैंगरेप पीड़िता का दिया हुआ नाम) के खिलाफ अश्लील बातें लिख रहे हैं। इसी क्रम में हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने तीन दिसंबर को एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने दिशा को लेकर अपने फेसबुक पोस्ट पर विवादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद यह पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ। 22 वर्षीय लड़के का नाम चवान श्रीराम है। पुलिस चवान श्रीराम के खिलाफ 30 दिसंबर को स्वत संज्ञान लेते हुए अपमानजनक पोस्ट लिखने वाले लड़के के खिलाफ एफआईआर लिखा था। हालांकि पुलिस ने यह नहीं बताया कि चवान श्रीराम ने क्या लिखा था। 

द हिंदू में छपी खबर के मुताबिक जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस अविनाश मोहंती ने कहा है कि उसने फेसबुक पेज स्टालिन श्रीराम पर रेप पीड़िता के लिए अश्लील और अपमानजनक पोस्ट किया था और वह पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा था। जिसके बाद हमारे साइबर क्राइम टीम की इसपर नजर पड़ी और हमने एक्शन लिया।

बता दें कि 27 नवंबर की रात हैदराबाद की 26 वर्षीय महिला डॉक्टर का गैंगरेप और हत्या कर जला दिया गया था। 28 नवंबर की सुबह हाईवे-44 के एक ब्रिज के नीचे पीड़िता की लाश मिली थी। जिसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की जा रही है। 

चवान श्रीराम
चवान श्रीराम

आखिर पुलिस सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर क्यों हुई इतनी सख्त 

सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्देशानुसार किसी भी रेप पीड़िता का नाम और पहचान आप उजागर नहीं कर सकते हैं। अगर कोई भी ऐसा करता है तो वह दंड का भागीदार होगा। हालांकि इस फैसले को ज्यादातर लोग मीडिया के लिए जारी निर्देश के तौर पर देखते हैं। लेकिन किसी भी रेप पीड़िता के खिलाफ अपमानजनक या मजाकिया पोस्ट करने पर ये नियम व्यक्तिगत भी लागू होता है। चवान श्रीराम के केस में भी यही हुआ है। 

गौरतलब है कि 28 नवंबर के दिन जब इस हैवानियत के बारे में लोगों ने सुना तो सोशल मीडिया पर पीड़िता का असली नाम, तस्वीर हैशटैग के साथ चलाया गया था। हालांकि उस वक्त तक रेप की पुष्टी नहीं हुई थी। लेकिन जब 28 नवंबर को ही यह बात साफ हो गया कि लड़की को गैंगरेप के बाद जलाया गया है तो पीड़िता का नाम ना इस्तेमाल करने का निर्देश जारी किया गया था। एक दिसंबर के दिन साइबराबाद पुलिस ने अपील की थी कि गैंगरेप पीड़िता को 'दिशा' नाम से संबोधित किया जाए। ये उसका काल्पनिक नाम है। 

इधर दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी मीडिया द्वारा हैदराबाद पीड़िता की पहचान उजागर करने के खिलाफ एक याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा। तो अगर आप भी किसी भी पोस्ट में पीड़िता के खिलाफ कुछ लिख रहे हैं, या उसके समर्थन में बोल रहे हैं तो उसका नाम और पहचान ना उजागर करें वरना कार्रवाई के दायरे में आप भी आ सकते हैं। 

Web Title: one held for vulgar posts about Hyderabad rape vicitim on Facebook Before writing about 'Disha'think once

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