OMG: यहां 82 साल बाद फिर से दिखा इस दुर्लभ प्रजाति का सांप
By भाषा | Published: February 19, 2019 02:45 PM2019-02-19T14:45:48+5:302019-02-19T14:45:48+5:30
टाइगर रिजर्व के क्षेत्रीय निदेशक रमेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि 82 वर्ष बाद इस प्रजाति को देखा गया। पाण्डेय ने बताया कि सोमवार की रात दक्षिण सुनारीपुर रेंज वनक्षेत्र में गश्ती दल को लाल मूंगा खुखरी सांप रेलवे स्टेशन के निकट पटरी पर रेंगता दिखा।
लखीमपुर खीरी के दुधवा टाइगर रिजर्व में सर्प की एक दुर्लभ प्रजाति लाल मूंगा खुखरी सांप देखा गया है। टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बताया कि सर्प को सोमवार की रात देखा गया। इस सरीसृप को सबसे पहले 1936 में दुधवा में देखा गया था।
टाइगर रिजर्व के क्षेत्रीय निदेशक रमेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि 82 वर्ष बाद इस प्रजाति को देखा गया। पाण्डेय ने बताया कि सोमवार (18 फरवरी) की रात दक्षिण सुनारीपुर रेंज वनक्षेत्र में गश्ती दल को लाल मूंगा खुखरी सांप रेलवे स्टेशन के निकट पटरी पर रेंगता दिखा। उन्होंने बताया कि गहरे नारंगी रंग के इस सर्प ने अचानक ही गश्ती दल के लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। उन्होंने कौतूहलवश सर्प के फोटो लिये और वीडियो बनाया।
टाइगर रिजर्व के उप निदेशक महावीर कौजलागी ने बताया कि दुधवा में लाल मूंगा खुखरी सांप की मौजूदगी उत्साहजनक है। हालांकि करीब सात वर्ष पहले इसे कतर्नियाघाट वनक्षेत्र में देखा गया था। उन्होंने बताया कि दुधवा में यह सांप 82 साल बाद देखा गया है।
बता दें कि लाल मूंगे की तरह चमकदार ये अनोखा सांप लखीमपुर खीरी के बाद विलुप्त हो गया था। दशकों बाद वर्ष 2010 में नेपाल के चितवन नेशनल पार्क में इसकी मौजूदगी मिली थी। इसके अगले साल वर्ष 2011 में यही लाल मूंगा सांप आसाम में पाया गया। अक्टूबर 2014 में खटीमा के सुरई रेंज में सड़क पर किसी वाहन से कुचला हुआ मिला था। इसलिए इस सांप को लेकर कोई खास रिसर्च नहीं हो सकी थी। इस अद्भुत साँप का वैज्ञानिक नाम ओलिगोडॉन खीरीएसिस रखा गया है।