New Parliament Building: संसद भवन के निर्माण में शामिल रहे श्रमिकों और इंजीनियर को बड़ा सम्मान, पीएम मोदी ने कहा-डिजिटल बुक में सभी का पूरा परिचय होगा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 19, 2023 07:22 PM2023-09-19T19:22:00+5:302023-09-19T19:22:38+5:30
New Parliament Building: नये भवन के निर्माण में शामिल रहे श्रमिकों, इंजीनियर और कामगारों के प्रति धन्यवाद जताया और कहा कि कोरोना काल में भी लगातार काम करके इस बहुत बड़े सपने को पूरा किया है।

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New Parliament Building: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन के निर्माण में शामिल रहे श्रमिकों और इंजीनियर का आभार जताते हुए मंगलवार को कहा कि संसद में नयी परंपरा के तहत रखी गई एक डिजिटल बुक में इन श्रमिकों का पूरा परिचय होगा।
मोदी ने नये संसद भवन में कार्यवाही के पहले दिन लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा कि नये भवन के निर्माण में शामिल रहे श्रमिकों, इंजीनियर और कामगारों के प्रति धन्यवाद जताया और कहा कि उन्होंने कोरोना काल में भी लगातार काम करके इस बहुत बड़े सपने को पूरा किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना काल में भी श्रमिकों ने जिस लगन से यह काम किया है, उसके लिए हमें उनका धन्यवाद देना चाहिए। जब निर्माण कार्य चल रहा था तब मुझे उनके बीच बार-बार आने का मौका मिलता था। मैं उनके स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए भी उनसे मिलने आता था। ऐसे समय में भी उन्होंने इस बहुत बड़े सपने को पूरा किया है।’’
मोदी ने कहा कि नई संसद के निर्माण के लिए 30 हजार से अधिक श्रमिकों ने पसीना बहाया है और यह भावी पीढ़ियों के लिए उनका बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा, ‘‘आज हम सब हमारे श्रमिकों, कामगारों, हमारे इंजीनियर का हृदय से धन्यवाद करें।
इस अवसर पर 140 करोड़ देशवासियों की ओर से, लोकतंत्र की महान परंपरा की ओर से श्रमिकों का अभिनंदन।’’ मोदी ने बताया कि संसद भवन में एक नई परंपरा शुरू करते हुए एक डिजिटल बुक रखी गई है, जिसमें इन श्रमिकों का पूरा परिचय रखा गया है।
‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ पेश किये जाने को पचा नहीं पा रहा है विपक्ष: शाह
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में पेश महिला आरक्षण संबंधी विधेयक को ‘चुनावी जुमला’ करार दिए जाने पर विपक्षी दलों पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि वे इस कदम को पचा नहीं पा रहे हैं। शाह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह भी आरोप लगाया कि पेश किया गया विधेयक महिलाओं को सशक्त करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है, वहीं इसे लेकर कांग्रेस कभी गंभीर नहीं रही और उसके कदम ‘प्रतीकात्मक’ रहे हैं।
केंद्र सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया।
कांग्रेस ने इस विधेयक को ‘चुनावी जुमला’ करार देते हुए कहा कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है, क्योंकि विधेयक में कहा गया है कि ताजा जनगणना और परिसीमन के बाद यह 2029 से लागू होगा। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता देने की कोई वास्तविक मंशा होती, तो महिला आरक्षण विधेयक बिना किसी किंतु-परंतु के तुरंत लागू कर दिया गया होता। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार 2021 की जनगणना कराने में विफल रही है।
इसके जवाब में ‘एक्स’ पर किए गए एक पोस्ट में शाह ने कहा, ‘‘भारत के कोने-कोने में, लोग संसद में नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किए जाने का जश्न मना रहे हैं। यह महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अफसोस की बात है कि विपक्ष इसे पचा नहीं पा रहा है।
इससे भी शर्मनाक बात यह है कि प्रतीकात्मक कदम उठाने को छोड़कर, कांग्रेस कभी भी महिला आरक्षण के बारे में गंभीर नहीं रही है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने या तो विधेयकों को निष्प्रभावी होने दिया या उसके सहयोगी दलों ने विधेयक को सदन के पटल पर पेश करने से रोका। उन्होंने कहा, ‘‘उनके दोहरे मानदंड कभी नहीं छिपेंगे, चाहे वे जो भी स्टंट करने की कोशिश करें।’’