अनुपम खेर को 'साइकोपैथिक' व 'जोकर' बताकर सोशल मीडिया पर घिरे नसीरुद्दीन शाह, यूजर्स बोले- बताइए आपके खून में क्या है?, देखें रिएक्शन
By पल्लवी कुमारी | Published: January 23, 2020 08:53 AM2020-01-23T08:53:29+5:302020-01-23T08:53:29+5:30
नसीरुद्दीन शाह ने अपने सह अभिनेता अनुपम खेर को लेकर कहा, ''अनुपम खेर को गंभीरता से लिए जाने की जरूरत नहीं है। वह जोकर हैं और एनएसडी और एफटीआईआई का कोई भी उनका समकालीन यह बात कह सकता है कि उनका बर्ताव साइकोपैथिक है।''
बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर और नसीरुद्दीन शाह में सोशल मीडिया पर एक बहस छिड़ गई है। जिसको लेकर ट्विटर पर हैशटैग "Naseeruddin Shah" ट्रेंड कर रहा है। इस ट्रेंड के साथ लोग नसीरुद्दीन शाह की आलोचना कर रहे हैं। तो वहीं कुछ लोग उनके समर्थन में भी हैं। ट्विटर यूजर नसीरुद्दीन शाह के उस बयान को हेट स्पीच बता रहे हैं, जिसमें नसीरुद्दीन शाह ने कहा है, ''अनुपम खेर को गंभीरता से लिए जाने की जरूरत नहीं है। वह जोकर हैं और एनएसडी और एफटीआईआई का कोई भी उनका समकालीन यह बात कह सकता है कि उनका बर्ताव साइकोपैथिक है।'' कई लोगों का कहना है कि किसी व्यक्ति विशेष के बारे में ऐसी बातें बोलना उचित नहीं है और वह नसीरुद्दीन शाह जैसे अभिनेता को तो बिल्कुल भी शोभा नहीं देता है।
ट्विटर यूजर शेफाली वैद्य ने लिखा है, वाह, नसीरुद्दीन शाह कहते हैं कि अनुपम खेर चापलूस हैं और उनके खून में चाटुकारिता है। सच में सर? ऐसा है क्या आपके खून में क्या है? गद्दारी? एहसान फरामोशी? वास्तविक जीवन में गुलफाम हुसैन?
Wow, Naseeruddin Shah says ‘sycophancy is in @AnupamPKher’ blood’. Really sir? What is in YOUR blood? ग़द्दारी? एहसान फ़रामोशी? Being a real life Gulfam Hussain? pic.twitter.com/Ct2TJKs4If
— Shefali Vaidya (@ShefVaidya) January 22, 2020
एक अन्य यूजर ने लिखा, ''नसीरुद्दीन शाह टाइप के लोग, यही कारण है कि मैं आपके जीवन से जीवित किसी भी वामपंथी को मारने की वकालत करता हूं। इससे पहले कि वे आपको ऐसा करने का अवसर दें, पहले उनका अपमान करें। जाहिर है कि अगर आप किसी तरह उस दोस्त से लाभ उठा सकते हैं तो ऐसा मत करो। किस स्थिति में, पहले उसका उपयोग करें।
Naseeruddin Shah types are the reason why I advocate kicking out any leftist living being from your life. Insult them first before they get the opportunity to do so to you. Obviously don't do that if you can somehow benefit from that friend. In which case, first use him.
— Rahul Roushan (@rahulroushan) January 22, 2020
Sycophancy is in Naseeruddin Shah's blood actually. https://t.co/HNmLY8wxwt
— Deblina Chakravorty (@hashjaru) January 23, 2020
This verbal diarrhoea happens when all you can flaunt is a degree from AMU. That’s Naseeruddin Shah for you. https://t.co/wmN2JADbaM
— Sanjay Dixit ಸಂಜಯ್ ದೀಕ್ಷಿತ್ संजय दीक्षित (@Sanjay_Dixit) January 22, 2020
जिन्होंने नसीरुद्दीन शाह के समर्थन में ट्वीट किए...
एक यूजर ने लिखा, पूरी तरह से, नसीरुद्दीन शाह और उनके परिवार ने जो कुछ भी हासिल किया है वह अपनी मेहनत के कारण हासिल किया है। शायद ही नेताओं के बेटे और बेटियों को अपने माता-पिता की वजह से फैंसी लॉ फर्मों में नौकरी मिल रही हो!
Totally. Whatever Naseeruddin Shah and his family have achieved it’s because of their own hard work. Hardly like sons and daughters of politicians getting jobs in fancy law firms because of their parents!
— Rohini Singh (@rohini_sgh) January 23, 2020
Naseeruddin Shah, articulates his anger clearly and unapologetically, while speaking on the CAA and NRC, on the violence against students and how he is being made to feel his Muslim identity. Don't also miss his remarkable understanding of speaking to the camera. https://t.co/F6SL6fuof3
— Sidharth Bhatia (@bombaywallah) January 22, 2020
Grace, dignity and sense of humour. @AnupamPKher has taken the bar very high for the haters to ever match. https://t.co/ZujjG6OArf
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) January 22, 2020
Modi-hate made Naseeruddin Shah lose objectivity long ago. But now he has lost something that looked very nice on him: Grace.
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) January 22, 2020
He looks paranoid, on the edge, hollowed-out from inside.pic.twitter.com/puAkNVOuGV
अनुपम खेर बनाम नसीरुद्दीन शाह, जानें दोनों अभिनेताओं ने क्या-क्या कहा?
बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने शुक्रवार को ‘ए वेडनसडे’ के अपने सह अभिनेता नसीरुद्दीन शाह द्वारा उन्हें ‘जोकर’ कहे जाने की टिप्पणी का जवाब दिया। शाह ने खेर को ‘जोकर’ बताते हुए कहा था कि उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। खेर भाजपा नीत केंद्र सरकार के मुखर समर्थक रहे हैं। शाह ने ‘द वायर’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, ‘‘ अनुपम खेर जैसे लोग काफी मुखर रहे हैं। और मुझे नहीं लगता है कि उन्हें गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है। वह जोकर हैं और एनएसडी और एफटीआईआई का कोई भी उनका समकालीन यह बात कह सकता है कि उनका बर्ताव साइकोपैथिक है। यह उनके खून में है और वह इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते हैं।’’
जनाब नसीरुदिन शाह साब के लिए मेरा प्यार भरा पैग़ाम!!! वो मुझसे बड़े है। उम्र में भी और तजुर्बे में भी। मै हमेशा से उनकी कला की इज़्ज़त करता आया हूँ और करता रहूँगा। पर कभी कभी कुछ बातों का दो टूक जवाब देना बहुत ज़रूरी होता। ये है मेरा जवाब। 🙏 pic.twitter.com/M4vb8RjGjj
— Anupam Kher (@AnupamPKher) January 22, 2020
इस पर खेर ने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश के जरिए प्रतिक्रिया दी। खेर ने कहा, ‘‘ हालांकि मैंने कभी भी आपके बारे में कुछ बुरा नहीं कहा था लेकिन अब बोलूंगा। इतना कुछ हासिल करने के बाद अपने अपनी पूरी जिंदगी हताशा में गुजारी। अगर आप दिलीप कुमार साहब, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, शाहरुख खान और विराट कोहली की आलोचना कर सकते हैं तो मेरा विश्वास है कि मैं फिर सही कंपनी में हूं।’’ खेर ने कहा, ‘‘ इनमें से किसी ने भी आपके बयान को गंभीरता से नहीं लिया क्योंकि हम सभी जानते हैं कि वर्षों से जिन पदार्थों का सेवन आप कर रहे हैं यह उसकी नतीजा है। आप सही और गलत के बीच अंतर नहीं जानते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ और आपको पता है क्या कि मेरे खून में क्या है? हिंदुस्तान है। इसे समझें।’’
जानें सीएए पर नसीरुद्दीन शाह ने क्या कहा?
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को लेकर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि वह चिंतित नहीं, बल्कि नाराज हैं। उन्होंने कहा कि वह कई अन्य भारतीयों की तरह जन्म प्रमाण पत्र नहीं दिखा सकते। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि क्या 70 साल से यहां रहना उनके नागरिक होने के प्रमाण के लिए काफी नहीं है। अभिनेता ने जोर देकर कहा कि वह एक मुस्लिम के तौर पर नहीं, बल्कि एक चिंतित नागरिक के तौर पर बोल रहे हैं। अभिनेता कहा कि उन्होंने सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्रों में देश के लिए योगदान दिया है और उनके परिवार की पांच पीढ़ियां इसी जमीन में दफन हैं।
हिंदी सिनेमा के जाने माने अभिनेताओं में से एक शाह के साथ ही अनुराग कश्यप, विशाल भारद्वाज और ऋचा चड्ढा जैसे फिल्म उद्योग के कई अन्य लोग सीएए को लेकर अपनी चिंता जता चुके हैं। शाह ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मेरे पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। मैं इसे पेश नहीं कर सकता। क्या इसका मतलब है कि हम सभी को बाहर कर दिया जाएगा। मुझे ऐसा कोई आश्वासन नहीं चाहिए कि मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। मैं चिंतित नहीं हूं।’’ 70 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ‘‘अगर 70 साल तक यहां रहना मुझे भारतीय साबित नहीं करता है, तो मुझे नहीं पता कि इसका क्या मतलब है। मैं भयभीत नहीं हूं, मैं चिंतित नहीं हूं, मैं नाराज हूं कि इस तरह का कानून हम पर थोपा गया है।’’