मिलिए 70 वर्षीय कारीगर से, छेनी हतौड़ी से बिजली के बल्ब में करते है बेहतरीन कलाकारी

By वैशाली कुमारी | Published: September 17, 2021 03:43 PM2021-09-17T15:43:37+5:302021-09-17T15:52:13+5:30

ग्वालियर के दानाओली निवासी जैन 15 साल की उम्र से स्टील और पीतल के बर्तनों पर नाम लिखने लगे थे, काम करने के दौरान उनकी ख्वाहिश थी कुछ अलग किया जाए।

Meet 70-year-old craftsman, chisel with a hammer to do great work in an electric bulb | मिलिए 70 वर्षीय कारीगर से, छेनी हतौड़ी से बिजली के बल्ब में करते है बेहतरीन कलाकारी

विमल बताते हैं बिजली के बल्ब के अलावा वे मोबाइल स्क्रीन और घड़ी के शीशे पर भी अपनी कलाकारी कर चुके हैं।

Highlightsअपने हुनर को निखारते हुए विमल चन्द्र ने कांच पर अपनी प्रतिभा उकेरने कि कोशिश कीकारीगरी ऐसी की देखने वाले चौक जाएं और अपनी आंखो पर विश्वाश ना हो

ऐज इस जस्ट ए नंबर, हिंदी में कहें तो उम्र बस एक नंबर है। ये बात उनके लिए है जिन्होंने सच में अपनी उम्र को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और लगातार तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते गए। कुछ ऐसा ही कारनामा किया है मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर के 70 साल के बुजुर्ग विमल चंद्र जैन ने, जिन्होंने ढलती उम्र के बावजूद भी बिजली के बल्ब पर छेनी हथौड़ी से नक्काशी बनाने का हुनर दिखाया है।

कारीगरी ऐसी की देखने वाले चौक जाएं और अपनी आंखो पर विश्वाश ना हो। बिना चश्मे के बल्ब पर किए जाने वाले इनके हुनर को देख लोग दांतों तले अंगुलियां दबाने पर मजबूर हो जाते हैं। ग्वालियर के दानाओली निवासी जैन 15 साल की उम्र से स्टील और पीतल के बर्तनों पर नाम लिखने लगे थे, काम करने के दौरान उनकी ख्वाहिश थी कुछ अलग किया जाए। बर्तनों पर नाम लिखने के बाद विमल चन्द्र ने शील्ड और ट्रॉफियों पर नाम लिखना शुरू किया।

लगातार अपने हुनर को निखारते हुए विमल चन्द्र ने कांच पर अपनी प्रतिभा उकेरने कि कोशिश की। पत्थर, अष्टधातु और ग्रेनाइट आदि पर लिखने के बाद उन्होंने अपने कांच पर लिखने की ख्वाहिश को पूरा करने की कोशिश की।

पहले प्रयास में उन्होंने मोटे शीशे पर लिखना शुरू किया, लेकिन इस पर जैसे ही नक्काशी बनाने की शुरुआत की तो वह टूट गया। इसके बाद उन्होंने निरंतर प्रयास किया, जिसके बाद उन्हेें सफलता मिल गई। सफलता से उत्साहित विमल जैन अब बिजली के बल्ब पर चित्र उकेरने में लग गए। शुरुआती असफलता के बाद अब वे बिजली के बल्ब पर नमोकार मंत्र सहित अन्य इबारतें लिख देते हैं। वह बताते हैं कि कांच के बल्ब पर सबसे पहले नमोकार मंत्र लिखने में सफलता मिली। इसके बाद वह इस पर नाम सहित लोगों की डिमांड के मुताबिक इस पर नक्काशी करने लगे।

विमल बताते हैं बिजली के बल्ब के अलावा वे मोबाइल स्क्रीन और घड़ी के शीशे पर भी अपनी कलाकारी कर चुके हैं। धीरे धीरे उनके इस काम को पहचान मिलती गई और उन्हें अपने जिले सहित देशभर से कई सम्मान मिले और सैकड़ों ट्रॉफियां मिली।

Web Title: Meet 70-year-old craftsman, chisel with a hammer to do great work in an electric bulb

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