जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने 'राम मंदिर' मुद्दे को बताया एक सुंदर नौटंकी, ट्वीट कर लिखी ये बात
By पल्लवी कुमारी | Published: November 25, 2019 04:53 PM2019-11-25T16:53:06+5:302019-11-25T16:53:06+5:30
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को दी है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के चेयरमैन रहे जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने अयोध्याराम मंदिर को लेकर एक ट्वीट किया है। जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने कहा है कि राम मंदिर ने देश की जनता को अस मुद्दों से भटका दिया है। जस्टिस मार्कंडेय काटजू ट्वीट कर लिखा, ''राम मंदिर ने निसंदेह भारत की वास्तविक समस्याओं से जनता का ध्यान सफलतापूर्वक हटा दिया है। देश की जनता राम मंदिर को लेकर इतनी आकर्षित हो गई है कि देश में बड़े पैमाने पर गरीबी, रिकॉर्डतौर बेरोजगारी, बाल कुपोषण के स्तर को कम करना, किसानों को परेशान करना, जनता के लिए उचित स्वास्थ्य देखभाल और अच्छी शिक्षा की लगभग कमी जैसे मुद्दे को भूल गई है। यह एक सुंदर नौटंकी है।''
Ram Mandir no doubt will successfully divert public attention from real problems of India—massive poverty, record unemployment, appalling level of child malnourishment, farmers distress, almost total lack of proper healthcare & good education for masses. It’s a beautiful gimmick https://t.co/zgs27GNKOb
— Markandey Katju (@mkatju) November 24, 2019
जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने यह ट्वीट रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के खबर को रिट्वीट करते हुए लिखा है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर का शीषर्क है, ''दुनिया की कोई ताकत अयोध्या में राम मंदिर बनने से नहीं रोक सकती है: राजनाथ सिहं।'' रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने यह बयान झारखंड में विधानसभा चुनाव 2019 के चुनावी रैली में दिया था।
जानें राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला दिया है?
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को दी है। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वसम्मति यानी 5-0 से आया है। सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार एक ट्रस्ट बनाएगी जो मंदिर का निर्माण कराएगी। यह जमीन अभी केंद्र सरकार के पास रहेगी और बाद में ट्रस्ट को दी जाएगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ की वैकल्पिक जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।