कोरोना संकट में इस शख्स ने शुरू किया Rice ATM, सिक्योरिटी गार्ड को देख हुआ था प्रेरित, जानें पूरी कहानी

By स्वाति सिंह | Published: October 1, 2020 08:34 AM2020-10-01T08:34:59+5:302020-10-01T08:34:59+5:30

रामू ने एक बार देखा कि एक सिक्योरिटी गार्ड ने भूखे प्रवासी मज़दूरों के लिए 2,000 रुपये का चिकन खरीदा था। "मैंने सोचा कि जब 6,000 रुपये का कम वेतन पाने वाला चौकीदार संकट में लोगों की मदद कर सकता है, तो प्रति माह 1.5 लाख रुपये कमाने वाले एचआर मेनेजर को क्या घर पर बैठना चाहिए

man has been running a ‘Rice ATM’ to feed the hungry, amid the coronavirus pandemic | कोरोना संकट में इस शख्स ने शुरू किया Rice ATM, सिक्योरिटी गार्ड को देख हुआ था प्रेरित, जानें पूरी कहानी

यहां कभी भी कोई भी ज़रूरतमंद खाने या ग्रोसरी के लिए आ सकता है।

Highlightsरामू दोसपति, जिन्होंने लॉकडाउन से लेकर अब तक लोगों का पेट भरने का ज़िम्मा उठाया है।हैदराबाद के रामू  'Rice ATM' चला रहे हैं।

नई दिल्ली: कोरोना महामारी से बचने के लिए लगे लॉकडाउन में कई लोगों के रोजगार छीन जाने से और बेसहारा होने कि खबरे सामने आई है। इसी दौरान एक शख्स सामने आए रामू दोसपति (Ramu Dosapati), जिन्होंने लॉकडाउन से लेकर अब तक लोगों का पेट भरने का ज़िम्मा उठाया है।

हैदराबाद के रामू  'Rice ATM' चला रहे हैं। यहां कभी भी कोई भी ज़रूरतमंद खाने या ग्रोसरी के लिए आ सकता है। यह 'Rice ATM' उनके घर के पास मौजूद है। बताया जा रहा है कि पिछले 170 दिनों से रामू हर दिन लोगों को राशन किट और खाना बांट रहे हैं।  

रामू एक एमबीए ग्रेजुएट सॉफ्टवेयर फर्म में एचआर के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने अब तक 1500 परिवारों की मदद की है। इस काम में उन्होंने अपनी जेब से पांच लाख रुपये खर्च किये हैं। अच्छी बात ये है कि इस काम में अब उन्हें बाकी लोगों का भी साथ मिला है।

 समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक, उन्होंने कहा, “हर क्षेत्र में बहुत कुछ करना है क्योंकि लोग हमारे एटीएम पर आने के लिए 15-20 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। हैदराबाद में एक करोड़ से अधिक आबादी है और मैं चाहता हूं कोई भी भूखा न सोये।”

रिपोर्ट के मुताबिक, रामू ने एक बार देखा कि एक सिक्योरिटी गार्ड ने भूखे प्रवासी मज़दूरों के लिए 2,000 रुपये का चिकन खरीदा था। "मैंने सोचा कि जब 6,000 रुपये का कम वेतन पाने वाला चौकीदार संकट में लोगों की मदद कर सकता है, तो प्रति माह 1.5 लाख रुपये कमाने वाले एचआर मेनेजर को क्या घर पर बैठना चाहिए और केवल अपने परिवार के बारे में परेशान होना चाहिए?”

इसके बाद अपने PF से 3.20 लाख रुपये निकाल कर उन्होंने इस काम की शुरूआत की। इसे 'राइस एटीएम' नाम दिया गया है, लेकिन इसमें चावल, खाद्य तेल, दाल, मिर्च पाउडर, हल्दी, चीनी और चाय जैसी आवश्यक वस्तुओं को शामिल किया गया है।

Web Title: man has been running a ‘Rice ATM’ to feed the hungry, amid the coronavirus pandemic

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