बीमार बेटे के लिए पिता ने चारपाई से बनाया स्ट्रेचर, कंधे पर लादकर पैदल निकल पड़ा, वायरल हो रहा लॉकडाउन का रुला देने वाला वीडियो
By गुणातीत ओझा | Published: May 16, 2020 03:16 PM2020-05-16T15:16:00+5:302020-05-16T15:36:45+5:30
कोरोना संकट के दौरान दिल को झकझोर देने वाली तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक मार्मिक वीडियो उत्तर प्रदेश के कानपुर में सामने आया है। इस वायरल वीडियो को देखकर लोगों की आंखें पसीज गईं।
कानपुर। कोरोना संकट के दौरान दिल को झकझोर देने वाली तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक मार्मिक वीडियो उत्तर प्रदेश के कानपुर में सामने आया है। इस वायरल वीडियो को देखकर लोगों की आंखें पसीज गईं। क्रूर हालात की ये तस्वीर देख सभी का दिल छलनी हो गया। इस वीडियो में एक पिता अपने बीमार बेटे को चारपाई पर लिटाकर कंधों पर लादकर ले जाता दिखाई दे रहा है।
बीमार बेटा चारपाई पर लेटा हुआ है, मुंह पर मास्क लगा है। चारपाई के चारों पांवों को रस्सी से बांधकर कंधों पर टांगकर ले जाता नजर आ रहा ये परिवार लुधियाना से पैदल चलकर आ रहा है। शुक्रवार शाम को जब कानपुर के रामादेवी हाईवे पर इस परिवार को ऐसे जाते हुए थाना प्रभारी रामकुमार गुप्ता देखा, तो उन्हें रोका और बातचीत करने लगे। तो पिता की आंखों से आंसू बहने लगे। असहाय पिता बोला- लॉकडाउन ने हमसे सबकुछ छीन लिया है। इसके बाद उनके लिए वाहन की व्यवस्था कराई गई और उन्हें घर भेजा गया।
👉This video is of UP's Kanpur. The man is from MP. He walked 900 KMs from Punjab carrying injured son on shoulders
— Saahil Murli Menghani (@saahilmenghani) May 15, 2020
👉Governments have failed miserably. Ministers/Babus need to be held accountable. Those being sugar-coated about it are being dishonest 👇pic.twitter.com/pJZMKeSVcv
मध्य प्रदेश के सिंगरौली गांव के रहने वाले राजकुमार लुधियाना में मजदूरी करते थे। परिवार साथ में ही रह रहा था। चारपाई पर लेटा उनका 15 वर्षीय बेटा बृजेश बीमार था। गर्दन में चोट लगी होने के कारण वो पैदल नहीं चल सकता था। लॉकडाउन के कारण रोजी-रोटी पर आन पड़ी, तो इस परिवार से लुधियाना से निकलने की ठान ली। वाहन नहीं मिला, तो पिता अपने बेटे को चारपाई पर लिटाकर रस्सी से बांधकर उसे कंधों पर लादकर पैदल निकल पड़ा। इस परिवार को मिलाकर गांव के 18 लोग और भी साथ पैदल चल रहे थे। सब बारी-बारी चारपाई को कंधे पर उठाकर बीमार बेटे को पैदल लेकर घर जा रहे थे।