बीजेपी सांसद जमयांग सेरिंग अपने बयान से हुए ट्रोल, मोदी सरकार में UN में हुई लद्दाख की चर्चा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 18, 2019 11:33 AM2019-08-18T11:33:17+5:302019-08-18T11:33:17+5:30
मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला आर्टिकल 370 खत्म कर दिया। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया। सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।
संसद में हाल ही में अपने भाषण से सुर्खियां बंटोरने वाले लद्दाख से बीजेपी सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल अब अपने एक बयान की वजह से विवादों में घिर गए हैं। उनको अपने इस बयान के लिए काफी शर्मिंदा भी होना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं।
दरअसल सयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने पर अनौपचारिक बैठक हुई। और बीजेपी सांसद जमयांग सेरिंग ने जो बयान दिया वो लद्दाख से जुड़ा हुआ था। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस के समय संसद में भी लद्दाख की चर्चा नहीं होती थी और मोदी जी की सरकार में संयुक्त राष्ट्रा (UN) में लद्दाख की चर्चा हो रही है।
सांसद जमयांग सेरिंग ने कहा, ''मैं खुश हूं कि मोदी जी के नेतृत्व में जो फैसला हुआ उसकी वजह से लद्दाख की चर्चा संयुक्त राष्ट्र में हो रही है। इससे पहले जब कांग्रेस सत्ता में थी तो लद्दाख की चर्चा संसद में भी नहीं होती थी।''
BJP MP from Ladakh, Jamyang Tsering Namgyal on UNSC discussion on Kashmir: I'm happy that due to the decision taken under Modi ji's leadership, Ladakh is being discussed in UN. Earlier when Congress was in power, Ladakh was not even discussed in Parliament let alone the UN. pic.twitter.com/BaDDbLgBm1
— ANI (@ANI) August 17, 2019
बीजेपी सांसद के इस बयान पर ट्वीटर, फेसबुक जैसे अन्य सोशल मीडिया पर उनका मजाक उड़ाया जा रहा है। लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं।
दरअसल मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला आर्टिकल 370 खत्म कर दिया। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया। सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।
कश्मीर मसले पर सुरक्षा परिषद की अनौपचारिक बैठक में भी पाकिस्तान के साथ ही उसके सहयोगी चीन को भी मुंह की खानी पड़ी। पाकिस्तान की मांग पर चीन इस मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने में लगा हुआ था। भारी बहुमत इसके पक्ष में था कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है।