जानिए कुमार विश्वास से क्यों कहा कि 'माना कि हम गधे हैं', ट्वीट बना चर्चा का विषय
By पल्लवी कुमारी | Published: November 22, 2019 04:36 PM2019-11-22T16:36:07+5:302019-11-22T16:36:07+5:30
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में अल्पसंख्यक प्रोफ़ेसर फिरोज खान की नियुक्ति का विरोध किया जा रहा था।
कवि और पूर्व आप नेता कुमार विश्वास हमेशा ही तंज भरे ट्वीट के लिए जाने जाते हैं। इस बार उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, ''खेमेबाजों की नजर में माना कि हम गधे हैं, पर तसल्ली है कि किसी के खूँटे से नहीं बँधे हैं।'' कुमार विश्वास का ये ट्वीट वायरल हो गया है। अपने इस ट्वीट को लेकर एक और कुमार विश्वास जहां ट्रोल हो रहे हैं तो वहीं कुछ लोग उनके जवाब देने के अंदाज की तारीफ कर रहे हैं।
कुमार विश्वास ने यह ट्वीट एक ट्वीट को रिप्लाई करते हुए किया। प्रोफेसर एसके सिंह नामक ट्विटर यूजर ने उन्हें ट्वीट कर लिखा, ''130 करोड़ में आप जैसे चंद लोग ही हैं जो सही को सही एवं गलत को ग़लत कहने की हिम्मत करते हैं वरना यही लगता रहता है कि अमुक व्यक्ति या तो इस तरफ है या उस तरफ!'' इसी ट्वीट का रिप्लाई करते हुए कुमार विश्वास ने यह ट्वीट किया।
एसके सिंह नामक ट्विटर यूजर ने कुमार विश्वास BHU विवाद किए गए ट्वीट पर ये उक्त बात लिखी थी। बता दें कि उस ट्वीट में कुमार विश्वास ने लिखा था,130 करोड़ में आप जैसे चंद लोग ही हैं जो सही को सही एवं ग़लत को ग़लत कहने की हिम्मत करते हैं वरना यही लगता रहता है कि अमुक व्यक्ति या तो इस तरफ़ है या उस तरफ़!@DrKumarVishwashttps://t.co/Av5QNIDLNW
— Prof. S.K.Singh (@shivkumar67) November 21, 2019
स्व.मदनमोहन मालवीय के पौत्र न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय संस्कृत प्रोफेसर फिरोज के विरोध से दुखी होकर कह रहे हैं कि आज मालवीय जी होते तो इस विरोध-प्रदर्शन से दुखी होते, पर सवाल यह है कि सनातन धर्म का “स” तक न जानने वाले राजनैतिक लंपटों से कैसे निबटते महामना?
स्व.मदनमोहन मालवीय के पौत्र न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय संस्कृत प्रोफ़ेसर फ़िरोज़ के विरोध से दुखी होकर कह रहे हैं कि आज मालवीय जी होते तो इस विरोध-प्रदर्शन से दुखी होते,पर सवाल यह है कि सनातन धर्म का “स” तक न जानने वाले राजनैतिक लंपटों से कैसे निबटते महामना?https://t.co/99g70gRzQr
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) November 21, 2019
बता दें कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में अल्पसंख्यक प्रोफ़ेसर फिरोज खान की नियुक्ति का विरोध किया जा रहा था। छात्रों ने लगातार 16वें दिन धरना प्रदर्शन किया था। धरना दे रहे छात्रों का कहना था कि हमारा विरोध नियुक्त प्रोफेसर द्वारा संस्कृत पढ़ाने को लेकर नहीं हैं। हमारा विरोध बस इतना है कि जो हमारी रीत, संस्कार को जानता ही नहीं वो शिक्षा कैसे देगा।