कश्मीर के मुस्तफा ने 500 मीटर लंबे कागज पर लिखी कुरान, लिंकन बुक ऑफ रिकॉर्ड में हुआ दर्ज
By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 3, 2022 03:31 PM2022-08-03T15:31:51+5:302022-08-03T15:32:34+5:30
बांदीपोरा के गुरेज के रहने वाले 27 साल के मुस्तफा इब्न जमील ने अनोखा कारनामा किया है। उन्होंने 500 मीटर लंबे कागज पर सुलेखन (कैलीग्राफी) के जरिये कुरान लिखी। उन्हें ऐसा करने में सात महीने लगे।
जम्मू: बांदीपोरा जिले के गुरेज के रहने वाले 27 वर्षीय मुस्तफा इब्न जमील ने 500 मीटर के स्क्रॉल पेपर पर सुलेखन (कैलीग्राफी) के जरिये कुरान लिखी है, जिसे अब लिंकन बुक ऑफ रिकॉर्ड ने दर्ज किया है। मुस्फता अब इसे गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करवाने की कोशिशों में जुटे हैं।
जानकारी के लिए मुस्तफा को इस काम में सात महीने लगे। लिंकन बुक आफ रिकॉर्ड्स ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इसका उल्लेख किया है। कागज की चौड़ाई 14.5 इंच और लंबाई 500 मीटर है।
मुस्तफा ने बताया कि मैट्रिक पास नहीं कर पाने के बाद उन्होंने सुलेखन का काम शुरू किया क्योंकि वह गणित में कमजोर थे और हमेशा रिश्तेदारों और अन्य ग्रामीणों के ताने झेलते थे। इसने उन्हें कुछ अनोखा करने के लिए प्रेरित किया। मुस्तफा ने बताया कि शुरू में उन्होंने अपनी लिखावट में सुधार के लिए सुलेख का काम शुरू किया। सबसे पहले उन्होंने वर्ष 2017-18 में कुरान के एक अध्याय के साथ शुरुआत की और ऐसा करके आनंद मिला। इसमें उन्हें 11 माह लगे।
Mustafa-Ibn-Jameel , a 27-year old Kashmiri calligrapher has broken the world record by writing the Holy Quran on a 500-meter scroll in seven months pic.twitter.com/2r7w34KuUU
— Basit Zargar (باسط) (@basiitzargar) July 26, 2022
मुस्तफा इब्न जमील ने कहा, 'खुदा के फजल से मैं ऐसा कर पाया हूं। मैंने पिछले साल पाक कुरान की किताबत का फैसला किया था। लगभग दो माह मुझे कैलिग्राफी जिसे किताबत कहते हैं, के लिए विशेष कागज तलाशने में लग गए। यह कागज मैने दिल्ली की एक फैक्टरी से मंगवाया। किताबत के लिए मुझे एक खास स्याही भी चाहिए थी। मैने इसी साल जून में पाक कुरान की किताबत पूरी की है। इसका नक्श लिखने में तीन माह का समय लगा है जबकि इसके बाहरी किनारों बार्डर की डिजाइनिंग में लगभग एक माह का समय लगा है। मैने पूरे रोल का लैमिनेट कराया है।'
उन्होंने कहा, 'इस पूरे काम पर करीब 2.5 लाख रूपये का खर्च आया है। मेरी दिली तमन्ना थी कि मैं पाक कुरान लिखूं। शुरु में मैंने किताबत को अपनी लिखाई सुधारने के लिए अपनाया था। इसके बाद मैने कुरान के कुछ हिस्सों की किताबत की। इससे मुझे एक रुहानी खुशी का अहसास हुआ। फिर मुझे लगा कि मुझे खुदा ने जो खूबी बख्शी है,उसका इस्तेमाल कुछ खास करने के लिए किया जाना चाहिए।'
मुस्तफा ने बताया कि उनके हाथ से लिखा कुरान 450 पन्नों का है और प्रत्येक पन्ना 14.5 इंच चौड़ा है। पूरे कुरान का वजन करीब 21 किलो है। उन्होंने कहा, 'मैने इस काम में हालांकि किसी पेशवर व्यक्ति की सहायता नहीं ली है, लेकिन मैं नियमित रूप से एक मुफ्ती से अपने काम की जांच कराता था ताकि किसी तरह की त्रुटि न रहे। उन्होंने मेरे काम को मंजूरी दी। मेरे परिवार ने भी इस काम में पूरा साथ दिया है।'