पोस्टमॉर्टम के लिए छुआ तो हाथ हिलने लगा, जानें फिर क्या हुआ...
By भाषा | Published: March 4, 2021 09:05 PM2021-03-04T21:05:16+5:302021-03-04T21:07:06+5:30
बगलकोट के महालिंगापुर सरकारी अस्पताल का है. शंकर गोंबी नाम के एक 27 वर्षीय व्यक्ति की 27 फरवरी को महालिंगापुर में सड़क हादसे में मौत हो गई.
बेंगलुरुः उत्तरी कर्नाटक के बगलकोट में एक तालुक हेल्थ ऑफिसर उस समय सकते में आ गए जब पोस्टमार्टम के लिए उन्होंने एक लाश को छुआ तो उसका हाथ हिलने लगा.
मामला बगलकोट के महालिंगापुर सरकारी अस्पताल का है. शंकर गोंबी नाम के एक 27 वर्षीय व्यक्ति की 27 फरवरी को महालिंगापुर में सड़क हादसे में मौत हो गई. उन्हें बेलागवी जिले में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और दो दिन तक ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद निजी अस्पताल ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित करते हुए परिवार को उनकी बॉडी ले जाने को कहा.
इसके बाद यह शव पोस्टमॉर्टम के लिए सोमवार को महालिंगापुर के सरकारी अस्पताल में भेजा गया. पोस्टमॉर्टम करने का जिम्मा तालुक हेल्थ ऑफिसर डॉक्टर एस. एस. गलगली को दिया गया. डॉक्टर गलगली ने बताया कि अस्पताल आते वक्त मुझे कई बैनर और कट-आउट्स दिखे थे, जिसमें इस शख्स की मौत की घोषणा की गई थी. मैं इस शख्स का चेहरा जानता था, लेकिन यह उम्मीद नहीं थी कि वह जिंदा होगा. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने देखा कि व्यक्ति अब भी वेंटिलेटर पर है.
डॉक्टर ने परिवार से इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें बताया है कि वेंटिलेटर हटाने व्यक्ति सांस लेना बंद कर देगा. दूसरे अस्पताल भेजा डॉक्टर गलगली ने बताया कि मैंने अटॉप्सी शुरू की और उसे छुआ तो देखा कि उस व्यक्ति के रोंगटे खड़े हैं, जिसका मतलब था कि उसके शरीर में हरकत हो रही है.
फिर मैंने पल्स-ऑक्सीमीटर से जांचा और हार्टबीट भी देखी. मैंने उसे वेंटिलेटर से हटाया और कुछ देर इंतजार किया. मैं यह देख के हैरान रह गया कि वह अपने हाथ हिला रहा था. मैंने तभी उसके परिवार को बुलाया और उसे दूसरे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया.
मंगलवार सुबह डॉक्टर गलगली को यह पता लगा कि गोंबी के अंदर सुधार दिख रहे हैं और उसके शरीर के अंग भी ठीक से काम कर रहे हैं. डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने अपने 18 साल के करियर में 400 से ज्यादा पोस्टमॉर्टम किए हैं लेकिन ऐसा मामला कभी सामने नहीं आया था.