किरोसीन तेल नहीं जनाब!, सेलाइन वाटर से जलने वाली ‘रोशनी’ नाम की पहली लालटेन की शुरुआत, जानिए खासियत
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 13, 2022 09:03 PM2022-08-13T21:03:56+5:302022-08-13T21:05:02+5:30
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने खारे पानी से जलने वाली देश की पहली लालटेन की शुरुआत की है। राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), चेन्नई के तटीय अनुसंधान पोत ‘सागर अन्वेषिका’ के भ्रमण के दौरान ‘रोशनी’ नाम की अपनी तरह की पहली लालटेन की शुरुआत की।
चेन्नईः केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत की पहली सेलाइन वाटर लालटेन का शुभारम्भ किया, जो एलईडी लैंप को रोशन करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए इलेक्ट्रोड्स के बीच इलेक्ट्रोलाइट के रूप में समुद्र के पानी का उपयोग करता है।
जितेंद्र सिंह ने तटीय अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), चेन्नई द्वारा संचालित और उपयोग किए जाने वाले एक तटीय अनुसंधान पोत सागर अन्वेषिका के भ्रमण के दौरान अपनी तरह की पहली“रोशनी” नाम के लानटेन का अनावरण किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सेलाइन वाटर लालटेन से गरीब और वंचित लोगों विशेषकर भारत की 7,500 किमी बी तटीय रेखा से सटे इलाकों में रहने वाले मछुआरा समुदाय के लिए “जीवन सुगमता”आएगी। सिंह ने कहा कि खारे पानी की लालटेन देश भर में एलईडी बल्ब के वितरण के लिए 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उजाला योजना को भी बढ़ावा देगी।
उन्होंने कहा कि इस तकनीक का उपयोग भीतरी इलाकों में भी किया जा सकता है, जहां समुद्र का पानी उपलब्ध नहीं है। मंत्री ने कहा कि इस लालटेन में किसी भी खारे पानी या सामान्य नमक के साथ मिश्रित सामान्य पानी का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह न केवल किफायती है, बल्कि इसका संचालन भी बहुत आसान है।
विज्ञप्ति में कहा गया, "मंत्री ने ‘रोशनी लैंप’ का आविष्कार करने वाली एनआईओटी टीम की सराहना की और इस बहुउद्देशीय लैंप के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी को उद्योग जगत को स्थानांतरित करने की सलाह दी, जो ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में तथा आपदाओं के समय बहुत मददगार हो सकती है।"
बाद में, सिंह ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम रविचंद्रन के साथ प्रयोगशालाओं का दौरा किया और पोत पर तिरंगा फहराया। विज्ञप्ति में कहा गया, " ‘हर घर तिरंगा' अभियान को 'हर जहाज तिरंगा' तक विस्तारित करते हुए मंत्री ने पोत पर भारतीय ध्वज फहराया। उन्होंने जहाज पर एनआईओटी के वरिष्ठ वैज्ञानिकों से भी मुलाकात की और प्रगति की समीक्षा की।"