जर्मनी में पीएम मोदी और भारत के खिलाफ नारेबाजी कर रहे पाकिस्तानियों से अकेले भिड़ा भारतीय युवक, देखें वीडियो
By धीरज पाल | Published: August 18, 2020 07:44 PM2020-08-18T19:44:33+5:302020-08-18T19:56:51+5:30
हाथों में तिरंगा लिये पाकिस्तानियों के नारेबाजी का विरोध कर रहे इस युवक का नाम प्रशांत वेंगुर्लेकर है, जो पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर छाया हुआ है।
जर्मनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबीज कर रहे सैकड़ों पाकिस्तानियों के बीच जब इस अकेले भारतीय युवक ने अपनी आवाज उठाई तो नजारा कुछ अलग सा दिखाई दिया। जब इस अकेले भारतीय युवक ने नारेजाबीज का विरोध किया तब कई पाकिस्तानी लोगों ने युवक के साथ हाथापाई करने की कोशिश भी की लेकिन देश का ये नौजवान डरा नहीं बल्कि डटकर मुकाबाले के लिए खड़े रहा।
हाथों में तिरंगा लिये पाकिस्तानियों के नारेबाजी का विरोध कर रहे इस युवक का नाम प्रशांत वेंगुर्लेकर है, जो पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर छाया हुआ है।दरअसल, 15 अगस्त के मौके पर जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर में पाकिस्तान और खालिस्तान के समर्थक भारत और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी कर रहे थे।
यहां मौजूद प्रशांत को ये सब सहन नहीं हुआ और पाकिस्तानी समर्थकों से अकेले भिड़ गये जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। हाथों में झंडा लिये प्रशांत ने केवल खड़े रहकर पाकिस्तानियों का मुकाबला किया बल्कि उन्होंने नारेबाजी के बीच में कहा कि बाप-बाप होता है।प्रशांत ने ये वीडियो खूद बनाया और ट्विटर पर शेयर कर दिया। इसके बाद से ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और प्रशांत की तारीफ भी की जा रही है।
प्रशांत ने वीडियो शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा कि फ्रैंकफर्ट में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कुछ पाकिस्तानी लोग भारत के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। पाकिस्तानी लोग लगातार भारत और पीएम मोदी के लिए काफी बुरे शब्दों का प्रयोग कर रहे थे। बता दें कि प्रशांत ने कुछ देर तक तो वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसके बाद उन्होंने गालियां देना शुरू कर दिया। एक समय तो उन्होंने प्रशांत के साथ हाथापाई तक करने की कोशिश की। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस ने मामला को शांत कराया।
कौन हैं प्रशांत वेंगुर्लेकर?
एनबीटी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रशांत पेशे से सिविल इंजीनियर हैं जो जर्मनी की सरकार के लिए काम करते हैं। प्रशांत पिछले 10 साल से जर्मनी में रह रहे हैं। ट्विटर पर उन्होंने अपनी लोकेशन माइन्ज शहर डाल रखी है जो फ्रैंकफर्ट का हिस्सा है।
वहीं, प्रशांत ने एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए बताया कि 2019 के बाद से, खासतौर से आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद से उन्हें नहीं पता कि कश्मीर मुद्दे को कैसे हैंडल करें। उन्होंने और प्रदर्शन करने शुरू किए लेकिन इंटरनैशनल कम्युनिटी में उनकी कोई पूछ नहीं।
उनकी प्रासंगिकता खत्म हो गई है।" प्रशांत ने कहा कि वह उन प्रदर्शनकारियों को यही समझा रहे थे कि 'शांति से चले जाओ क्योंकि पूरी दुनिया यही चाहती है। नफरत फैलाने का कोई मतलब नहीं।'