लोकसभा चुनाव के दौरान Twitter पर महिला नेताओं के संग हुई ज्यादा गालीगलौज, Amnesty ने जारी की Trolling Report
By पल्लवी कुमारी | Published: January 24, 2020 12:19 PM2020-01-24T12:19:52+5:302020-01-24T12:19:52+5:30
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के रिसर्च में कहा गया है कि मुस्लिम महिला राजनेताओं को अन्य धर्मों की महिला राजनेताओं की तुलना में 94.1% अधिक नस्लवादी या धार्मिक अप-शब्दों का सामना करना पड़ा है।
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंडिया (Amnesty India) ने भारत में महिला नेताओं के ट्रोलिंग पर एक रिसर्च किया है। इस रिसर्च में खुलासा किया गया है कि भारत में महिला नेताओं को ट्विटर पर ज्यादा दुर्व्यवहार और गालीगलौज वाले ट्वीट का सामना करना पड़ता है। रिसर्च के लिए देश की कुल 95 महिला राजनेताओं के ट्विटर प्रोफाइल को ट्रैक किया गया और 114, 716 से अधिक ट्वीट की जांच की गई। एमनेस्टी इंडिया ने रिसर्च के लिए मार्च 2019 से मई 2019 तक यानी लोकसभा चुनाव के आसपास महिलाओं के ट्विटर अकाउंट पर नजर रखी। रिसर्च में दावा किया गया है कि महिला राजनेताओं को किए जा रहे हर सात में से एक ट्वीट अपमानजनक होते हैं, जिसमें अपशब्द का इस्तेमाल किया जाता है। हर पांच में से एक ट्वीट सेक्सिस्ट या गलत किया गया। रिसर्च में पाया गया है कि महिला नेताओं के लिए लोग दुर्व्यवहार भरा ट्वीट, गालीगलौज, महिला विरोधी ट्वीट, सेक्सिस्ट कमेंट, यौन उत्पीड़न की धमकियां, धर्म के नाम पर अपमान भरा ट्वीट करते हैं।
रिसर्च में यह भी खुलासा किया गया है कि अगर कोई महिला नेता किसी खास धर्म या जाति से हैं तो उन्हें ट्विटर पर और भी ज्यादा ट्रोल किया गया है। इनको लेकर नस्लवादी टिप्पणी की गई है। रिसर्च में कहा गया है कि मुस्लिम महिला राजनेताओं को अन्य धर्मों की महिला राजनेताओं की तुलना में 94.1% अधिक नस्लवादी या धार्मिक अप-शब्दों का सामना करना पड़ा है।
NEWS: Women politicians in India face a shocking scale of abuse on #Twitter, reveals data from a new study titled “Troll Patrol India: Exposing Online Abuse Faced by Women Politicians in India”.#TrollingVerifiedhttps://t.co/kaKhbYpjRa
— Amnesty India (@AIIndia) January 23, 2020
रिसर्च में यह भी दावा किया गया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अलावा अन्य पार्टियों की महिला नेताओं को अधिक ट्रोल किया गया है।
'ट्रोल पेट्रोल इंडिया: एक्सपोजिंग ऑनलाइन एब्यूज फेस्ड बाय वुमेन पॉलिटिशियंस इन इंडिया' इस शीर्षक वाले रिसर्च में एमनेस्टी इंडिया ने यह सर्वे किया है।
एमनेस्टी इंडिया ने महिला राजनेताओं के ट्रोलिंग को लेकर क्या-क्या दावे किए?
- रिसर्च में कहा गया है 95 महिला नेताओं के लिए 10 लाख ट्वीट अपमान जनक थे।
-95 महिला नेताओं को हर दिन तकरीबन 10 हजार से अधिक गालीगलौज और अपमानजनक ट्वीट आए हैं। यानी हर महिला नेता को हर दिन 113 ट्वीट गालीगलौज वाले मिले हैं।
- रिसर्च में खुलासा किया गया है कि इनमें से कुल 13.8 फीसदी ट्वीट में गालीगलौज का इस्तेमाल किया गया।
- हर पांच में से एक ट्वीट सीधे तौर पर महिला विरोधी होता है।
-अमेरिका, ब्रिटेन से ज्यादा भारत में महिला नेताओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर बयानबाजी की जाती है।
- रिसर्च में यह भी खुलासा हुआ है कि जो महिला राजनेता ट्विटर पर ज्यादा एक्टिव थीं, उन्हें सबसे ज्यादा ट्रोल किया गया। टॉप 10 महिला नेता ने औसतन 74.1 फीसदी अभ्रद ट्वीटों का सामना किया है।
- मुस्लिम महिला राजनेताओं को अन्य धर्मों की महिला राजनेताओं की तुलना में 94.1% अधिक नस्लवादी या धार्मिक अप-शब्दों का सामना करना पड़ा है।
-वो महिला नेता जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंध रखती हैं, उन्हें सामान्य जातियों की महिला नेता की तुलना में 59 फीसदी अधिक जाति-आधारित दुरुपयोग वाले ट्वीट किए गए हैं।
- मुस्लिम महिला नेताओं 26.4% नस्लवादी/धार्मिक अप-शब्दों वाले ट्वीट किए गए हैं, जो हिंदू महिलाओं (13.7%) के अनुपात का दोगुना है।
- भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अलावा अन्य पार्टियों की महिला नेताओं को अधिक ट्रोल किया गया है। बीजेपी की तुलना में अन्य पार्टी की महिला नेताओं ने 56.7 फीसदी अधिक अपमानजनक ट्वीट का सामना करना पड़ा है। वहीं कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी की तुलना में 45.3% अधिक अपमानजनक ट्वीट का सामना किया है।