जम्मू-कश्मीर की हालात पर दुखी होकर केरल के IAS अधिकारी ने नौकरी से दिया इस्तीफा
By स्वाति सिंह | Published: August 25, 2019 12:42 PM2019-08-25T12:42:35+5:302019-08-25T12:43:59+5:30
साल 2018 में केरल में भीषण बाढ़ आने के बाद गोपीनाथ अपने अपने घर पहुंचे थे और गुमनाम तरीके से राहत तथा बचाव कार्य में हिस्सा लिया था। जब एर्नाकुलम के कलेक्टर के मोहम्मद वाई सफिरुल्ला ने एक कलेक्शन सेंटर में उन्हें पहचाना तब उनकी पहचान सबके सामने आने आई।
साल 2018 में केरल में आए बाढ़ के दौरान अपने काम को लेकर सराहे गए आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथ ने इस्तीफा दे दिया। दरअसल, कन्नन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्मकर लाखों लोगों के 'मूलभूत अधिकार' छीन लिए गए हैं।
उनका कहना है कि वह सिविल सेवा में यह उम्मीद लेकर आए थे कि वह लोगों की आवाज बन सकेंगे जिन्हें बोलने नहीं दिया जाता। लेकिन यहां वह खुद अपनी ही आवाज नहीं उठा पा रहे। बता दें कि 2012 बैच के केरल से आईएएस अधिकारी इन दिनों केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली में तैनात थे। कन्नन के इस्तीफा देने पहले पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल स्वरूप ने ट्वीट किया 'हमे अपने इस तरह के अधिकारीयों पर बेहद गर्व है।
बता दें कि साल 2018 में केरल में भीषण बाढ़ आने के बाद गोपीनाथ अपने अपने घर पहुंचे थे और गुमनाम तरीके से राहत तथा बचाव कार्य में हिस्सा लिया था। जब एर्नाकुलम के कलेक्टर के मोहम्मद वाई सफिरुल्ला ने एक कलेक्शन सेंटर में उन्हें पहचाना तब उनकी पहचान सबके सामने आने आई। हालांकि इसके चलते उनकी मुसीबत भी बढ़ गई थी।
एक केंद्रशासित प्रदेश किस तरह से बाढ़ पीड़ितों की मदद कर सकते हैं। इसको लेकर कन्नन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। गोपीनाथ ने कहा है कि उन्होंने अभी अपने भविष्य के लिए कोई योजना नहीं बनाई है। उन्होंने कहा, 'इस सिस्टम से निकलने के बाद मैंने अभी यह नहीं सोचा है कि मैं क्या करूंगा। अभी मेरा केवल इतना उद्देश्य है, इस सिस्टम को छोड़ना।'