इस दंपति ने पेश की इंसानियत की मिसाल, कोरोना पीड़ितों की मदद से लेकर मृतकों के अंतिम संस्कार का उठाया जिम्मा, पढ़ें पूरी खबर

By अमित कुमार | Published: May 15, 2021 03:24 PM2021-05-15T15:24:39+5:302021-05-15T15:35:43+5:30

पीपीई किट, फेस शील्ड और मास्क पहने कालिया दंपति मरीजों को अस्पताल ले जाने, उनके लिए दवाइयां मुहैया कराने, मृतकों के अंतिम संस्कार का प्रबंध करने और कई बार स्वयं भी अंतिम संस्कार करके मानवता की सेवा कर रहे हैं।

Helping in life and death too ambulance couple goes where relatives sometimes fear to tread | इस दंपति ने पेश की इंसानियत की मिसाल, कोरोना पीड़ितों की मदद से लेकर मृतकों के अंतिम संस्कार का उठाया जिम्मा, पढ़ें पूरी खबर

(फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

Highlightsट्विंकल को दुबई में 2015 में एक संगठन ने ‘पहली महिला एम्बुलेंस चालक’ बनने के लिए सम्मानित किया था। हिमांशु को 2016 में मलेशिया में ‘एम्बुलेंस मैन’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।दोनों दंपत्ति अप्रैल और मई में 150 से ज्यादा मरीजों को अस्पताल पहुंचा चुके हैं।

‘एम्बुलेंस दंपति’ के नाम से जाने जाने वाले हिमांशु कालिया और ट्विंकल कालिया संक्रमितों को जल्द से जल्द उपचार दिलाने और संक्रमण के कारण दम तोड़ चुके मरीजों का अंतिम संस्कार करके कोविड-19 के दौर में मानवता की सेवा की मिसाल पेश कर रहे हैं। 

हिमांशु कालिया और ट्विंकल कालिया की 12 एम्बुलेंस हर आपात स्थिति से निपटने के लिए सड़क पर हमेशा तैयार खड़ी रहती हैं। हिमांशु ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘हम इस बात का रिकॉर्ड नहीं रखते, लेकिन कोरोना वायरस की दूसरी लहर में हम रोजाना करीब 20-25 मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में मदद कर रहे हैं। हमने कोविड-19 के कारण दम तोड़ने वाले 80 लोगों का अंतिम संस्कार किया है और 1,000 से अधिक लोगों के अंतिम संस्कार का प्रबंध करने में मदद की है।’’ 

उन्होंने बताया कि वह यह सब नि:शुल्क कर रहे हैं। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा 2019 में नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित की जा चुकीं और कैंसर से जंग जीत चुकीं ट्विंकल ने बताया कि उन्हें मयूर विहार से एक मरीज के संबंध में फोन आया, जिसने अस्पताल ले जाते समय ऑटो रिक्शा में ही दम तोड़ दिया था। प्रताप विहार में रहने वालीं ट्विंकल ने कहा, ‘‘हम जल्द वहां पहुंचे और चिकित्सक से सत्यापन के बाद शव के अंतिम संस्कार में मदद की।’’ 

कालिया दंपति की दो बेटियां हैं, लेकिन भारत के इस सबसे गंभीर स्वास्थ्य संकट में उनकी निजी प्रतिबद्धताएं लोगों की मदद करने के उनके उत्साह के आड़े कभी नहीं आईं। हिमांशु ने बताया कि उन्हें लोग दिल्ली ही नहीं, बल्कि गाजियाबाद और नोएडा से भी मदद से लिए फोन कॉल करते हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)

Web Title: Helping in life and death too ambulance couple goes where relatives sometimes fear to tread

ज़रा हटके से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे