गुजरात: कोविड-19 के मरीज का हाल जानने अस्पताल पहुंचे परिजन, डॉक्टर ने कहा-उनका हो चुका है अंतिम संस्कार
By स्वाति सिंह | Published: June 28, 2020 07:37 AM2020-06-28T07:37:43+5:302020-06-28T07:40:55+5:30
सूरत के शक्तिनगर इलाके में रहने वाले दिलीपभाई मगनभाई गोंडलिया 17 जून को पॉजीटिव पाए गए. उन्हें गंभीर हालत में सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया. 24 जून को रात 11 बजे उन्होंने परिवारवालों से मोबाइल पर बात की.
पंचकूला: कोविड-19 वायरस देश में हजारों की जान ले चुका है. खौफ इतना ज्यादा है कि अस्पताल प्रबंधन मानवीय संवेदनाओं को दरकिनार कर संक्रमित मरीजों की लाशों को जल्द से जल्द ठिकाने लगा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला गुजरात के सूरत में सामने आया है, जहां संक्रमित मरीज की मौत की सूचना उनके परिवार को नहीं दी गई.
परिजन जब मरीज का हाल जानने अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने बताया कि उनका तो अंतिम संस्कार किया जा चुका है. सूरत के शक्तिनगर इलाके में रहने वाले दिलीपभाई मगनभाई गोंडलिया 17 जून को पॉजीटिव पाए गए. उन्हें गंभीर हालत में सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया. 24 जून को रात 11 बजे उन्होंने परिवारवालों से मोबाइल पर बात की.
दूसरे दिन दिलीप का भतीजा किशन उनका हाल जानने अस्पताल पहुंचा. तब पता चला कि सुबह साढ़े 5 बजे ही उनकी मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन ने एक ट्रस्ट से उनका अंतिम संस्कार भी करा दिया. अब दिलीपभाई के परिजन अस्पताल पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. सैंपल लिया नहीं भेज थी रिपोर्ट हरियाणा के पंचकूला में एक रिटायर्ड कर्नल का सैंपल लेने से पहले ही उनके मोबाइल पर जांच हो जाने का मैसेज भेज दिया गया.
पंचकूला सेक्टर-7 की डिस्पेंसरी को सैंपल क्लेक्शन सेंटर बनाया गया है. सेक्टर-20 फरीदाबाद में रहने वाले एक रिटायर्ड कर्नल अपनी पत्नी के साथ शुक्र वार को सैंपल देने पहुंचे. करीब ढाई घंटे इंतजार के बाद उनकी डिटेल नोट की गई. इसके बाद उन्हें कुछ नाश्ता करके आने के लिए कहा गया. वे घर लौटकर खाना खा रहे थे तभी उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि उनके सैंपल ले लिए गए हैं.
जबकि उन्होंने कोई सैंपल नहीं दिया था. मैसेज मिलते ही रिटायर्ड कर्नल तत्काल डिस्पेंसरी पहुंचे. पड़ताल करने पर पता चला कि उनसे जो डेटा लिया गया था, उसमें नाम भी गलत लिखा हुआ था.