फारूक अब्दुल्ला और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शादी समारोह में जम कर किया डांस, वीडियो हुआ वायरल
By विनीत कुमार | Published: March 5, 2021 10:39 AM2021-03-05T10:39:50+5:302021-03-05T10:39:50+5:30
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा फारूक अब्दुल्ला और कैप्टन अमरिंदर सिंह का डांस का वीडियो शादी समारोह का है। मौका अमरिंदर सिंह की पोती की शादी का था।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला एक बार फिर चर्चा में हैं। उनका एक दलचस्प वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ चंडीगढ़ में एक शादी समारोह में डांस करते नजर आ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा ये वीडियो दरअसल अमरिंदर सिंह के बेटे रनिंदर सिंह की बेटी शेहरिंदर कौर की शादी समारोह का है। मंझे हुए दोनों नेता इसी समारोह में पैर थिरकाते नजर आए।
वीडियो में सबसे पहले फारूक अब्दुल्ला 'आज कल तेरे मेरे प्यार के चर्चे' और 'गुलाबी आंखे जो तेरी देखी' गाने पर डांस करते नजर आ रहे हैं। करीब 60 और 70 के दशक के इन दोनों सुपहिट गानों पर डांस करते हुए फारूक अब्दुल्ला इसी बीच अमरिंद सिंह का हाथ भी पकड़कर उन्हें डांस फ्लोर तक ले आते हैं। देखें वीडियो...
From Punjab CM @capt_amarinder's grand daughter's marriage. Farooq Abdullah dancing to tunes of "Aajkal tere mere pyar ke charche".... pic.twitter.com/laDGzDG0Sm
— Babar 🍁 (@CactusByWular) March 4, 2021
कैप्टन अमरिंदर सिंह की पोती की शादी दिल्ली के बिजनेसमैन देविन नारंग से रविवार को चंडीगढ़ में एक शादी समारोह में हुई। इससे पहले अमरिंदर सिंह का इस समारोह में एक पंजाबी लोकगीत गाने का वीडियो भी वायरल हुआ था। इस दौरान वे नई शादी-शुदा जोड़े और अपनी पत्नी प्रनीत कौर के पास बैठे नजर आए थे।
बताते चलें कि फारूक अब्दुल्ला हाल में उस समय भी चर्चा में थे जब सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया था।
याचिका में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने को लेकर दिये गये बयान पर फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि ये राजद्रोह का मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा कि सरकार की राय से अलग विचारों की अभिव्यक्ति को राजद्रोह नहीं कहा जा सकता है।
कोर्ट ने साथ ही याचिकाकर्ताओं पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा, 'सरकार की राय से भिन्न विचारों की अभिव्यक्ति को राजद्रोह नहीं कहा जा सकता है।'