अगर नहीं सीख पा रहे इंग्लिश तो इस मंदिर में टेकें मत्था, बोलने लग जाओगे फर्राटेदार इंग्लिश!
By राहुल मिश्रा | Published: June 6, 2018 03:07 PM2018-06-06T15:07:40+5:302018-06-06T15:07:40+5:30
इस मंदिर की देवी भारतीय नहीं बल्कि विदेशी है। कहा जाता है कि इस मंदिर में आने वाले भक्तों की अंग्रेजी सीखने की मनोकामना पूरी हो जाती है।
मनचाही मुरादें और मन्नतों को पूरा करने की चाहत में लाखों लोग मंदिरों में जाकर माथा टेकते हैं। देवी देवताओं की पूजा-आराधना कर अपनी कई तरह की दैनिक परेशानियों के निवारण की मनोकामना मांगते हैं। हमारे देश में ऐसे कई मंदिर हैं जिनके बारे में प्रचलित है कि वहां सच्चे मन से पूजा अर्चना किए जाने मनमांगी मुराद पूरी हो जाती हैं। आज हम आपको उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में भी कुछ ऐसा ही कहा जाता है लेकिन इस मंदिर की ख़ासियत जरा हट कर है।
दरअसल इस मंदिर की देवी भारतीय नहीं बल्कि विदेशी है। कहा जाता है कि इस मंदिर में आने वाले भक्तों की अंग्रेजी सीखने की मनोकामना पूरी हो जाती है इसलिए यहां अधिकतर भक्त ऐसे आते हैं जिनकी अंग्रेजी कमजोर होती है और जो उसमें निपुण होना चाहते हैं। कहा तो ये भी जाता है कि यहां आने के बाद आपको किसी भी कोचिंग सेंटर जाने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि यहां मत्था टेकने भर से ही लोग फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने लग जाते हैं।
जिला लखीमपुर खीरी में बनका गांव का विदेशी मैडम जैसी दिखने वाली मूर्ति का यह मंदिर कई मायनों में लोगों के लिए ख़ास है। इसके निर्माण की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। दलित समाज के लोगों के लिए इंग्लिश शिक्षा का महत्व समझते हुए अक्टूबर 2010 में स्थानीय दलित नेता द्वारा इंग्लिश देवी का मंदिर की स्थापना की गई थी। इसकी एक वजह यह भी थी अगर दलितों और महिलाओं को सफल होना है तो उन्हें अंग्रेजी भाषा में निपुण होना बेहद जरूरी है। मूर्ति को बनाते समय भी शायद शिक्षा और अंग्रेजी को अधिक तवज्जो दी गई होगी क्योंकि मूर्ति का रूप देखने में विदेशी मैडम के जैसा ही है, जिनके एक हाथ में कलम और एक हाथ में किताब थमाई गई है।
अंग्रेजी सीखने आने वालों के अलावा यहां उन बच्चों के परिजन भी मन्नत मांगने आते हैं जो चाहते हैं कि उनके बच्चों का एडमिशन किसी अच्छे अंग्रेजी मीडियम स्कूल में हो जाए। अब ये भक्ति है या अंधविश्वास इसे तो आप लोगों को ही तय करना है।