द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्लिन में बमबारी में बचने वाले मगरमच्छ की रूस के चिड़ियाघर में हुई मौत

By प्रिया कुमारी | Published: May 24, 2020 12:09 PM2020-05-24T12:09:37+5:302020-05-24T12:09:37+5:30

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्लिन में हुए बंम धमाको के बाद बचने वाले 74 साल के मगरमच्छ की मौत हो गई है। इस मगरमच्छ का नाम सेटर्न था।

during second world war bombing in Berlin survivor Crocodile dies in Russia's Moscow Zoo | द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्लिन में बमबारी में बचने वाले मगरमच्छ की रूस के चिड़ियाघर में हुई मौत

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बमबारी में बचने वाले मगरमच्छ की मौत (Photo-Moscow Zoo)

Highlightsसेकेंड वर्ल्ड वॉर में बर्लिन में बमबारी के बीच बच गया था चिड़ियाघर का मगरमच्छ, 84 साल की उम्र में मौतइस मगरमच्छ के बारे में ये भी अफवाह रही थी कि ये अडोल्फ हिटलर का पालतू था

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्लिन में हुए बमबारी के बावजूद बच गये एक मगरमच्छ की रूस के मॉस्को के एक चिड़ियाघर में मौत हो गई है। इस मगरमच्छ को लेकर कहा जाता था ये नाजी नेता अडोल्फ हिटलर का पालतू मगरमच्छ था। इस मगरमच्छ का नाम सेटर्न था और इसकी उम्र लगभग 84 वर्ष थी। चिड़ियाघर वालों का कहना है कि अधिक उम्र हो जाने के चलते सेटर्न की मौत हो गई। 

अमेरिका में जन्म होने के बाद ही सेटर्न को 1936 में बर्लिन के चिड़ियाघर को तोहफे में दिया गया था। 1943 में चिड़ियाघर पर हुई बंमबारी में वह बच गया था। इसके बाद ब्रिटिश जवानों को वह तीन साल बाद मिला और उन्होंने सेटर्न को सोवियत संघ को दे दिया। हालांकि सेटर्न बंम धमाके से कैसे बच गया इस बात को लेकर सब हैरान  रह जाते हैं। उसके बाद भी सेटर्न ने अपने दिन कैसे गुजारे ये भी किसी को नहीं पता। 

चिड़ियाघर ने एक बयान में कहा था कि ये मॉस्को चिड़ियाघर के लिए यह सम्मान की बात है कि उसने सेटर्न को 74 वर्षों तक यहां रखा। उन्होंने कहा था सेटर्न अपने आप में एक पूरा युग था। उसने हम में से कई लोगों को देखा था जब हम छोटे बच्चे थे। हम आशा करते है कि उसे हम निराश नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि सेटर्न अपने रखवालों के अच्छी तरह से पहचानता था और उनके द्वारा ब्रश के जरिए दी जाने वाली मसाज को काफी पसंद करता था। साथ ही वह परेशान होने पर स्टील से खिलाने वाले चम्मच और कंक्रीच को तोड़ने की क्षमता रखता है।

सेटर्न काफी सुर्खियां बटोर चुका है इसकी वजह ये थी कि वह हिटलर का पालतू मगरमच्छ था। हालांकि इस बात की अभी तक कोई अधिकारिक पुष्टी नहीं हुई है। एक न्यूज एजेंसी ने रिपोर्ट में बताया था कि इसके आने से लगभग तुरंत बाद अफवाह फैल गई थी कि ये हिटलर का पालतू मगरमच्छ है।  

Web Title: during second world war bombing in Berlin survivor Crocodile dies in Russia's Moscow Zoo

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