भारत की ताकत और बढ़ी, पिनाका रॉकेट का सफल परीक्षण, जानिए खासियत, मारक झमता 37KM, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 4, 2020 05:55 PM2020-11-04T17:55:35+5:302020-11-04T20:32:12+5:30
DRDO द्वारा विकसित पिनाका का उन्नत संस्करण ओडिशा के तट से दूर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
नई दिल्लीःभारत की ताकत में इजाफा हुआ है। डीआरडीओ ने ओडिशा के तट से पिनाका एमके-I रॉकेट का सफल परीक्षण किया। इस राकेट की मारक क्षमता बढ़ाई गई है।
DRDO द्वारा विकसित पिनाका का उन्नत संस्करण ओडिशा के तट से दूर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। श्रृंखला में कुल 6 रॉकेट लॉन्च किए गए थे और सभी परीक्षण पूर्ण मिशन उद्देश्यों को पूरा करते थे। यह परीक्षण प्रूफ एंड एक्सपेरीमेंट एस्टैब्लिशमेंट से किया गया।
सभी उड़ान लेखों को टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे रेंज इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा ट्रैक किया गया था, जिसने उड़ान प्रदर्शन की पुष्टि की। पिनाका रॉकेट का उन्नत संस्करण मौजूदा पिनाका एमके- I रॉकेटों की जगह लेगा जो वर्तमान में उत्पादन में हैं।
डीआरडीओ ने बुधवार को कहा कि उसने ओडिशा तट से पिनाका रॉकेट प्रणाली के नए संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कहा कि लगातार छह रॉकेट छोड़े गए और परीक्षण के दौरान लक्ष्य पूरा करने में सफलता मिली।
#WATCH: An advanced version of the DRDO-developed Pinaka today successfully flight tested from Integrated Test Range, Chandipur off the coast of Odisha. A total of 6 rockets were launched in series and all the tests met complete mission objectives. pic.twitter.com/CoBfx1y8As
— ANI (@ANI) November 4, 2020
डीआरडीओ ने ट्वीट किया, ‘‘डीआरडीओ द्वारा विकसित पिनाका रॉकेट प्रणाली का बुधवार को ओडिशा तट के पास चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।’’ डीआरडीओ ने कहा कि पिनाका रॉकेट सिस्टम के उन्नत संस्करण मौजूदा पिनाका एमके-आई का स्थान लेंगे, जिसका वर्तमान में उत्पादन हो रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि यह रॉकेट अत्याधुनिक दिशासूचक प्रणाली से लैस है जिसके कारण यह सटीकता से लक्ष्य की पहचान कर उसपर निशाना साधता है। पुणे स्थित डीआरडीओ प्रयोगशाला, आयुध अनुसंधान एवं विकास स्थापना (एआरडीई) और हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेटरी ने इसका डिजाइन और इसे विकसित किया है।
पिनाका रॉकेट की रेंज करीब 37 किलोमीटर है। पिछले दो महीने में भारत ने कई मिसाइलों का परीक्षण किया है। इसमें सतह से सतह पर मार करने में सक्षम सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस और एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-एक भी शामिल है।
सूत्रों के अनुसार पहले पिनाका में दिशानिर्देशन प्रणाली नहीं थी, उसे अब अपग्रेड कर दिशानिर्देशन प्रणाली से लैस किया गया है, इस सिलसिले में हैदराबाद रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) ने नौवहन, दिशानिर्देशन एवं नियंत्रण किट विकसित किया था।
बता दें कि पिनाक सिस्टम की एक बैटरी में छह लॉन्च वेहिकल होते हैं, साथ ही लोडर सिस्टम, रडार और लिंक विद नेटवर्क सिस्टम और एक कमांड पोस्ट होती है, पिनाका के सफल परीक्षण के साथ, भारत ने अब तक दो महीनों से भी कम समय में 11 मिसाइलों का परीक्षण कर लिया है, इन मिसाइलों का परीक्षण ऐसे समय में किया जा रहा है, जब पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच करीब पांच महीनों से भी ज्यादा समय से तनातनी जारी है।
All the flight articles were tracked by range instruments such as telemetry, radar & Electro-Optical Tracking Systems which confirmed the flight performance.
— ANI (@ANI) November 4, 2020
Enhanced version of the Pinaka rocket would replace the existing Pinaka Mk-I rockets which are currently under production. https://t.co/w8hTzwFjSN
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पिनाका रॉकेट, लांचर तथा संबंधित उपकरणों के निर्माण से संबंधित एक अहम प्रक्रिया शुरू की। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि डीआरडीओ ने पिनाका रॉकेट प्रणाली के बड़े पैमाने पर उत्पादन से संबंधित सभी जानकारी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए) को सौंप दी। डीजीक्यूए सभी रक्षा उपकरणों के लिए गुणवत्ता विनिर्देश और मानक सुनिश्चित करने का उत्तरदायी है।