क्या मोदी सरकार ने कानून बनाकर किसी भी महिला को दिया रेपिस्ट की हत्या का अधिकार, जानें वायरल हो रहे दावे की सच्चाई
By पल्लवी कुमारी | Published: December 11, 2019 11:22 AM2019-12-11T11:22:49+5:302019-12-11T11:22:49+5:30
वायरल दावे में यह भी लिखा गया है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 233 के तहत किसी महिला से कोई पुरुष रेप करता है या रेप का शक है तो उसके पास हक है कि वह अपनी रक्षा में शख्स की हत्या कर सकती है या फिर उसे गंभीर चोट दे सकती है। ये दावा पूरी तरह से फेक है। केंद्र की सरकार ने ऐसा कोई भी कानून नहीं पास किया है।
हैदराबाद में हुए गैंगरेप-हत्या, उन्नाव पीड़िता को जिंदा जलाना इन मामलों के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से यह मांग की जा रही थी कि रेपिस्ट के लिए सख्त से सख्त कानून बनाए जाए। इसके बाद सोशल मीडिया पर एक मैसेज काफी वायरल हुआ। जिसमें दावा किया गया था कि केंद्र सरकार ने महिलाओं को यह हक दिया है कि वह रेपिस्ट की हत्या कर सकती हैं। इस मैसेज को पिछले हफ्ते से व्हाट्सऐप और फेसबुक पर लोग काफी शेयर कर रहे हैं। मैसेज में लिखा जा रहा है कि सरकार ने नया कानून बनाकर उसे पास कर दिया है, जिसके मुताबिक अब कोई भी महिला रेपिस्ट की हत्या कर सकती है और उसके बाद उसे दोषी नहीं माना जाएगा।
वायरल दावे में यह भी लिखा गया है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 233 के तहत किसी महिला से कोई पुरुष रेप करता है या रेप का शक है तो उसके पास हक है कि वह अपनी रक्षा में शख्स की हत्या कर सकती है या फिर उसे गंभीर चोट दे सकती है। महिला को इसके लिए दोषी नहीं माना जाएगा।
Finally a New law passed by @narendramodi_in@narendramodi
— Kaushal_Patil™ (@Kupatil143) December 4, 2019
IPC 233 👍 pic.twitter.com/SdmyJz6Pd7
Sections 96-106 (Right of private defence) formed part of the IPC in 1860.
— Kirti Deolekar (@kirti_sd) December 8, 2019
Section 233 of IPC refers to punishment of counterfeit coins.
Hence "Finally a new law brought into effect by Modi Govt for safety of women..bla bla bla" is a fake message @AltNewshttps://t.co/4bILJxpc1W
"Finally a new law passed."
— Pankaj (@pankajcgupta) December 7, 2019
Received a WhatsApp forward from a friend about IPC 233.
I felt so happy that everything will be alright now.
Ye New India hai, iske sapno ka vistaar; iski udaan; aseem hai. Iski ichchashakti aseemeet hai. pic.twitter.com/YNP0cCnuca
As per IPC 233 she has supreme right to kill aur ham that person as dangerously and girl would not be blamed for murder...🙏🏼 We hv chance to fight who destroy us
— Dr. Shital Prajapati (@shitalchadotra) December 4, 2019
जानें वायरल मैसेज की क्या सच्चाई है?
इस फेक खबर की सूचना जैसे ही प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की टीम को मिली। उन्होंने इस वायरल मैसेज को शेयर करते हुए कहा कि इस तरह के किसी भी कानून को केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं मिली है। नाही ऐसा कोई भी कानून बनाया जा रहा है। पीआईबी ने अपने अधिकारिक ट्वीट हैंडल पर लिखा, दावा: नया कानून पारित - "भारतीय दंड संहिता की धारा 233", एक संभावित बलात्कारी को मारने की अनुमति देता है। वास्तविकता: धारा 233 मुद्रा के जालसाजी से संबंधित है। शरीर और संपत्ति के निजी बचाव के अधिकार के 96 से 100 धारा के बीच है। इस दावे की सच्चाई ये है कि ये पूरी तरह फेक न्यूज है।
#PIBFactCheck
— PIB India (@PIB_India) December 3, 2019
Claim: New law passed - "Section 233 of Indian Penal Code", allowing a potential rapist to be killed
Reality: Section 233 deals with counterfeiting of currency. Sections 96 to 100 deal with right of private defence of body and property.
Conclusion: #FakeNewspic.twitter.com/N4LeKRv2dl