दिल्ली हिंसा: वरिष्ठ पत्रकार श्वेता सिंह का ट्वीट, मी लॉर्ड ये आपकी अवमानना हो सकती है...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 26, 2020 09:53 AM2020-02-26T09:53:20+5:302020-02-26T11:43:47+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए वार्ताकारों को नियुक्त किया था. वार्ताकारों ने सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस मामले में बुधवार (26 फरवरी) को सुनवाई होगी.
दिल्ली में हुई हिंसा पर वरिष्ठ पत्रकार श्वेता सिंह ने अपनी राय रखी है। सोशल मीडिया पर काफी चर्चित श्वेता सिंह ने इशारों-इशारों में सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाया है। श्वेता सिंह मंगवलार (25 फरवरी) को ट्वीट किया, माफ कीजिए मी लॉर्ड। ये आपकी अवमानना हो सकती है। पर दिल्ली हिंसा में एक ऊंगली आप पर भी उठती है। एक प्रदर्शन के लिए वार्ताकारों की फौज रोज रोज मनाने जाए, तो नए-नए प्रदर्शन क्यों ना पनपें?
माफ़ कीजिए मि लॉर्ड। ये आपकी अवमानना हो सकती है। पर दिल्ली हिंसा में एक उँगली आपपर भी उठती है। एक प्रदर्शन के लिए वार्ताकारों की फ़ौज रोज़ रोज़ मनाने जाए, तो नए नए प्रदर्शन क्यों ना पनपें?
— Sweta Singh (@SwetaSinghAT) February 25, 2020
इससे पहले सोमवार (24 फरवरी) को श्वेता सिंह ने दिल्ली हिंसा पर ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा, अंतरराष्ट्रीय लीडरों के दौरे पर कश्मीर में आतंकी हमले किए जाते थे। मुद्दा को अंतरराष्ट्रीयकरण करने के लिए। दिल्ली में ऐसा होगा सोचा नहीं था। प्रदर्शन की आजादी के नाम पर पत्थर और गोली! और इनसे वार्ता की जाए? एक वर्दीधारी की जान की कीमत नहीं? बहुत हुआ अब।
अंतरराष्ट्रीय लीडरों के दौरे पर कश्मीर में आतंकी हमले किए जाते थे। मुद्दे को internationalize करने के लिए। दिल्ली में ऐसा होगा सोचा नहीं था। प्रदर्शन की आज़ादी के नाम पर पत्थर और गोली! और इनसे वार्ता की जाए? एक वर्दीधारी की जान की क़ीमत नहीं? बहुत हुआ अब।
— Sweta Singh (@SwetaSinghAT) February 24, 2020
सुप्रीम कोर्ट में आज होगी शाहीन बाग पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में आज (26 फरवरी) नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे धरने पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने अपनी रिपोर्ट सीलंबद लिफाफे में पेश कर दी है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ इस मामले में सुनवाई करेगी।
साझा नहीं होगी वार्ताकारों की रिपोर्ट
जस्टिस संजय सिंह कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने कहा है कि वार्ताकारों की रिपोर्ट याचिकाकर्ताओं, केंद्र और दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए वकीलों के साथ इस समय साझा नहीं की जाएगी। इससे पहले शाहीन बाग मसले पर पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त (सीईसी) वजाहत हबीबुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि शाहीन बाग धरना शांतिपूर्ण है और प्रदर्शन स्थल से दूर सड़क पर पुलिस द्वारा ‘अनावश्यक रूप से’ लगाये गये अवरोधों की वजह से लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकारों को रास्ता खुलवाने के लिए पूर्व सीईसी वजाहत हबीबुल्ला की मदद लेने की सलाह दी थी। बता दें कि उस इलाके में 15 दिसंबर से कालिंदी कुंज-शाहीन बाग और ओखला अंडरपास बंद है।