दिल्ली हिंसा: निजी चैनल के पत्रकार को गोली मारी, NDTV के रिपोर्टरों को उपद्रवियों ने बुरी तरह पीटा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 25, 2020 06:15 PM2020-02-25T18:15:47+5:302020-02-25T18:17:27+5:30
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले 48 घंटे से हिंसा जारी है. अब तक इस हिंसा में 9 लोगों की मौत हुई है.
उत्तर-पूर्व दिल्ली में हिंसा ने नौ लोगों की मौत हो गई जबकि डेढ़ लोग घायल बताए जा रहे हैं। मंगलवार (25 फरवरी) को ताजा हिंसा में न्यूज चैनल के एक रिपोर्टर को गोली लगी है। इसके अलावा एनडीटीवी के पत्रकारों पर दंगाइयों ने हमला किया है। Jk 24X7 न्यूज चैनल के रिपोर्टर को गोली लगी है। वहीं एनडीटीवी ने सूचना दी है कि उसके तीन रिपोर्टरों पर उपद्रवियों ने हमला किया है।
जेके Jk 24X7 न्यूज चैनल ने एक ट्वीट में कहा कि उसके पत्रकार आकाश को दिल्ली के मौजपुर क्षेत्र में संघर्ष की कवरेज के दौरान गोली लग गई। वह अस्पताल में हैं जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
मौजपुर की शर्मनाक तस्वीर, मौजपुर में हुई हिंसा में @JK247News के संवाददाता आकाश नापा हुए दंगाइयों की गोली के शिकार, आकाश को घायल अवस्था में अस्पताल में कराया गया भर्ती, हालत नाजुक #CAAprotest@KapilMishra_IND@ArvindKejriwal@HMOIndia@DelhiPolice@msisodia@AapKaGopalRai
— JK 24x7 News (@JK247News) February 25, 2020
एनडीटीवी की साइट पर छपी स्टोरी के अनुसार उत्तर पूर्व दिल्ली में कवरेज के दौरान उपद्रवियों ने तीन रिपोर्टर और एक कैमरापर्सन पर हमला दिया। एनडीटीवी के तीन पत्रकार अरविंग गुणशेखर, मरियम अलवी और सौरभ शुक्ला पर भीड़ ने हमला किया है। इस हमले में अरविंद गुणशेखर के तीन दांत टूट गए। उन्हें बचाने की कोशिश में सौरभ शुक्ला पर लाठियां बरसाई गईं। सौरभ शुक्ला के पीठ पर घूंसे मारे गए। एनडीटीवी के अनुसार दोनों बचकर निकालने में कामयाब रहे और सुरक्षित हैं। वहीं वरिष्ठ पत्रकार श्रीनिवासन जैन के साथ रिपोर्टिंग कर रहीं मरियम अलवी और कैमरापर्सन सुशाली राठी पर अनियंत्रित भीड़ ने हमला किया। एनडीटीवी के अनुसार उनके सभी पत्रकार अब सुरक्षित हैं।
हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में 1000 बलों की तैनाती
दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ अपनी बैठक के दौरान पर्याप्त बलों की अनुपलब्धता के बारे में जानकारी दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को बताया कि उनके पास उत्तरपूर्व दिल्ली में हिंसा को तुरन्त नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त बल नहीं था। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय को बताया गया है कि हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में सशस्त्र पुलिस की एक बटालियन (लगभग एक हजार कर्मी) तैनात की गई है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पुलिस को अर्धसैनिक बलों की कुल 35 कंपनियां उपलब्ध कराई गई हैं, जिनमें से 20 कंपनियां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए पिछले तीन दिन में दी गई थी।