जस्टिस एस मुरलीधर प्रोफाइल: 35 सालों से हैं न्यायिक सेवा में सक्रिय, इन 4 बड़े मामलों में सुनाया है फैसला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 27, 2020 10:06 AM2020-02-27T10:06:25+5:302020-02-28T11:53:51+5:30

Judge S Muralidhar Profile: जस्टिस एस मुरलीधर की तबादले की सिफारिश पर दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की निंदा की थी. दिल्ली हाईकोर्ट के वकीलों ने भी 20 फरवरी को तबादले को लेकर हड़ताल किया था. मुरलीधर 35 सालों से न्यायिक सेवा में सक्रिय हैं.

delhi high court judge s muralidhar transferred know his profile | जस्टिस एस मुरलीधर प्रोफाइल: 35 सालों से हैं न्यायिक सेवा में सक्रिय, इन 4 बड़े मामलों में सुनाया है फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट के जज एस मुरलीधर का तबादला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया गया है.

Highlightsदिल्ली हिंसा पर सुनवाई कर रहे दिल्ली हाईकोर्ट के जज एस मुरलीधर के तबादला पर विपक्षी दलों ने आलोचना की है.जज एस मुरलीधर के तबादले की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 12 फरवरी को की थी, इसका विरोध दिल्ली हाईकोर्ट के वकीलों ने किया है.

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले पर हर तरफ चर्चा हो रही है। जस्टिस एस मुरलीधर दिल्ली हिंसा से एक मामले पर सुनवाई कर रहे थे लेकिन बुधवार देर रात उनके तबादले का आदेश जारी हो गया है। कांग्रेस ने एस मुरलीधर के तबादले को लेकर सरकार की निंदा की है। 

जानें जस्टिस मुरलीधर से जुड़ा तबादले का पूरा वाकया

12 फरवरी, 2020- 

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला पंजाब और हरियामा हाईकोर्ट में करने की सिफारिश की। इसके अलावा इस बैठक में बंबई हाईकोर्ट के जज  रंजीत वी मोरे का तबादला मेघालय हाईकोर्ट, कर्नाटक हाईकोर्ट के जज रवि विजयकुमार मलिमथ को उत्तराखंड हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई। 

19 फरवरी 2020-

दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में किए जाने पर बुधवार को हैरानी जताई।  बार एसोसिएशन ने इस सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह के तबादले संस्था के लिए हानिकारक हैं। मुरलीधर के तबादले के विरोध में बार एसोसिएशन ने बीते गुरुवार को अपने सदस्यों से काम नहीं करने का आग्रह किया। बार एसोसिएशन ने इस तबादले को दुर्लभ से दुलर्भतम मामला बताते हुए उम्मीद जताई की सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम इस तबादले को वापस ले लेगा।

20 फरवरी 2020-

जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले के विरोध में वकील दिल्ली हाईकोर्ट में काम करने नहीं पहुंचे।

25 फरवरी 2020

मंगलवार को आधी रात में जस्टिस मुरलीधर और जस्टिस अनूप जे भंभानी की पीठ ने दिल्ली पुलिस को संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लेकर हुई हिंसा में घायल हुए लोगों के सुरक्षित निकास और उनका तत्काल उपचार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। पीठ ने दिल्ली पुलिस अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी, जिसमें घायलों और उन्हें दिए गए उपचार के बारे में जानकारी हो। इसकी सुनवाई बुधवार दोपहर 2.15 बजे तय हुई।

26 फरवरी 2020

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार बुधवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस एस मुरलीधर की बेंच ने भड़काऊ भाषण देने बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का वीडियो चार बार कोर्ट रूम में चलाया। अदालत ने भड़काऊ भाषण देने वालों नेताओं के खिलाफ जल्द से जल्द एफआईआर दर्ज करने की मांग की। इसके बाद 'द प्रिंट' ने खबर दी कि जस्टिस एस मुरलीधर इस केस की सुनवाई नहीं करेंगे और उनका तबादला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया गया है। इस बाबत तबादले का आदेश बुधवार देर रात जारी हुआ। 

35 साल पहले शुरू की थी जस्टिस मुरलीधर ने वकालत

जस्टिस मुरलीधर ने सितंबर, 1984 में चेन्नई में वकालत शुरू की थी। 1987 में दिल्ली आकर सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत करने लगे थे। वह सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमिटी में सक्रिय थे और दो बार इसके सदस्य भी रह चुके थे।

जस्टिस मुरलीधर द्वारा दिए गए 4 बड़े फैसले

1. 1984 सिख दंगों मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार से जुड़े एक मामला में फैसला सुनाया
2. दिल्ली हाईकोर्ट ने सबसे पहले समलैंगिकता को अपराध से बाहर करने का फैसला किया था, इस फैसले को सुनाने वाली बेंच का हिस्सा रहे हैं मुरलीधर
3. माओवादियों से संबंध के आरोप गिरफ्तार गौतम नवलखा को जमानत देना
4.हाशिमपुरा नरसंहार में दोषियों को सजा सुनाना

Web Title: delhi high court judge s muralidhar transferred know his profile

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