यूपी में ग्रामीणों ने बनाया "कोरोना माता" का मंदिर, चढ़ावा देकर पूजा करने दूर-दूर से आते थे लोग, लेकिन अब...
By दीप्ती कुमारी | Published: June 13, 2021 02:25 PM2021-06-13T14:25:55+5:302021-06-13T14:25:55+5:30
लोगों को मन में अभी भी कोरोना को लेकर कई भ्रम हैं । हाल ही में प्रतापगढ़ के जूही शकूरपुर गांव में ग्रामीणों ने कोरोना माता के मंदिर का निर्माण करवाया । लोगों का मानना है कि दैवीय कृपा से कोरोना महामारी से बचा जा सकता है । हालांकि 7 जून को इस मंदिर को तोड़ दिया गया ।
लखनऊ : कोरोना वायरस की दूसरी लहर देश में लगभग खत्म होने को है । शासन प्रशासन देश में लोगों को कोरोना और कोरोना वैक्सीन के बारे में जागरूक करने लगे हुए हैं लेकिन फिर भी कुछ लोग ऐसे हैं, जिनके मन में अभी भी कोरोना को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है ।
लोग कोरोना को महामारी ना मानकर दैवीय प्रकोप समझ रहे हैं । ऐसा ही मामला प्रतापगढ़ के जूही शकूरपुर गांव का है, जहां लोगों ने संक्रमण से बचने के लिए "कोरोना माता" के मंदिर का निर्माण करवाया है । लोगों का मानना है कि दैवीय कृपा से कोरोना जैसी महामारी ठीक हो जाएगी । हालांकि इस मंदिर को 7 जून को ध्वस्त कर दिया गया था ।
ग्रामीणों का आरोप है कि इससे पुलिस ने ध्वस्त कर दिया है । वहीं पुलिस का कहना है कि यह मंदिर विवादित स्थल पर बनाया गया था और विवाद में शामिल पक्षों में से किसी एक ने इसे तोड़ दिया है।
ग्रामीणों ने कहा कि मंदिर का निर्माण पांच दिन पहले लोकेश कुमार श्रीवास्तव ने स्थानीय निवासियों की मदद से करवाया था । उन्होंने कोरोना माता की मूर्ति स्थापित की । गांव के राधेश्याम वर्मा को इसका पुजारी नियुक्त किया गया, जिसके बाद वहां लोग पूजा अर्चना करने लगे ।
दरअसल इस मामले को दो पक्षों के विवाद के रूप में भी देखा जा रहा है । नोएडा में रहने वाले लोकेश के पास नागेश कुमार श्रीवास्तव और जय प्रकाश श्रीवास्तव के साथ संयुक्त रूप से जमीन है । मंदिर निर्माण के बाद वह गांव से नोएडा के लिए निकल गए ।
नागेश ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा कि मंदिर का निर्माण जमीन हथियाने के लिए किया गया था । संगीपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ तुषारदत्त त्यागी ने कहा कि मंदिर एक विवादित जमीन पर बनाया गया था । विवाद में शामिल पक्षों में से एक ने इसे तोड़ा था । फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है ।