12 दिसंबर को आसमान में चमकेगा हरी पूंछ वाला धूमकेतु, फिर 2000 साल बाद ही दीदार
By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: November 30, 2020 12:03 PM2020-11-30T12:03:28+5:302020-11-30T12:12:55+5:30
...जैसे-जैसे इरास्मस सूरज के करीब जाएगा, इसकी चमक बढ़ती जाएगी और 6 गुना ज्यादा हो जाएगी।
साल 2020 में दो बड़े धूमकेतु आसमान के चक्कर लगाते देखे गए हैं। रोचक बात ये है कि अब एक और हरी पूंछ वाला धूमकेतु आसमान में दस्तक देने को तैयार है। जी हां, आने वाले सप्ताह में छह गुना ज्यादा चमकदार होने वाला धूमकेतु 'इरास्मस' सूर्य का चक्कर काटने में 1900 साल लगाता है जो अब आसमान में हल्का-हल्का दिखने लगा है। लेकिन फिलहाल इसे बिना किसी उपकरण के देखा नहीं जा सकता।
6 गुना तक बढ़ जाएगी चमक
खगोलशास्त्रियों के अनुसार जैसे-जैसे धूमकेतु 'इरास्मस' सूर्य के पास जाएगा, इसकी चमक बढ़ती जाएगी और छह गुना तक बढ़ जाएगी। उनका अनुमान है कि यह 12 दिसंबर को सर्वाधिक चमकीला होगा जब बुध ग्रह की कक्षा में दाखिल होगा और सूर्य के सबसे करीब होगा। इसके बाद यह दूर होता जाएगा और करीब 2000 वर्ष बाद फिर नजर आएगा।
21 सितंबर को हुई थी इस धूमकेतु की खोज
दक्षिण अफ्रीका के खगोलशास्त्री निकोलस इरास्मस ने इस धूमकेतु को 21 सितंबर को खोजा था। इसलिए उन्हीं के नाम पर इसका नाम 'इरास्मस' रखा गया है। वहीं, खगोलशास्त्री जेराल्ड रेमन ने 20 नवंबर को इसकी तस्वीर ली थी, जिसमें यह खूबसूरत हरे रंग का दिख रहा था। उन्होंने कहा कि इसकी पूंछ बेहतरीन है। इसे सिंगल फील्ड व्यू में कैद नहीं किया जा सका।
कहां देख सकेंगे धूमकेतु
खगोलशास्त्रियों के अनुसार, अगर शुक्र ग्रह दिख गया तो इस धूमकेतु को भी देखा जा सकेगा। नीचे की ओर दक्षिण-पूर्व में सूर्योदय से पहले इसे ढूंढें तो हाइड्रा तारामंडल शुक्र के दायीं ओर देखा जा सकेगा। इसके पास ही चमकीला सितारा स्पाइका है और उसके जरिये भी 'इरास्मस' को ढूंढा जा सकेगा।