वीडियो: असम के रैपर ने पीएम मोदी का उड़ाया मजाक, वीडियो हुआ वायरल
By नियति शर्मा | Published: February 12, 2019 05:16 PM2019-02-12T17:16:10+5:302019-02-12T17:51:36+5:30
नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 के तहत बांग्लादेश,पाकिस्तान और अफगानिस्तान में से भारत आने वाले गैर-मुसलमानों को नागरिकता पाने के नियम सरल बनाए गए हैं. इन समुदायों में प्रताड़ित हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म को मानने वाले अल्पसंख्यक शामिल हैं.
नरेंद्र मोदी सरकार की नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 को लेकर काफी आलोचना हो रही है. आलोचना करने वालों में केवल राजनीतिक पार्टियां ही नहीं हैं. सोशल मीडिया पर असम के रहने वाले रैपर राहुल राजखोवा का म्यूजिकल क्रिटिसिज्म वायरल हो रहा है।
राहुल राजखोवा ने भी इस बिल का मखौल उड़ाया है. राहुल ने नरेंद्र मोदी सरकार के पाँच साल को बकवास बताया है. राहुल राजखोवा ने आरोप लगाया है कि पीएम नरेंद्र मोदी अपनी गलतियों को काग्रेंस पर मढ़ते रहते हैं.
राहुल ने रैप में कहा है, "पीएम मोदी ने विकास के नाम पर लोगों को पाँच साल बेवकूफ बनाया है. मोदी सरकार ने कभी भी अपनी असफलताओं के बारे में बात नहीं की है. इस सरकार की रणनीति सदैव आरोप लगाने की रही है और आने वाले कैंपेन में भी वो आरोप वाली राजनीति ही करने वाली है."
राहुल राजखोवा असम के रहने वाले हैं. राहुल रैपर के साथ-साथ सान्ग राइटर भी हैं.
दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू (जेएनयू) विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल करने वाली राहुल राजखोवा ने आरोप लगाया है, "नागरिक संशोधन बिल पास करके इस सरकार ने संविधान को ही निरर्थक साबित कर दिया."
राहुल राजखोवा ने इस बिल को अपने रैप में धर्म का विभाजन करने वाला बताया है. बाहर के लोगों को शामिल कर महान बनना चाहते हैं. भारत उनको शरण देना चाहता है. यह विधेयक हमारे देश के लिए बहुत बुरा साबित हो सकता है.
राहुल ने अपने रैप में लिखा कि भारत दुनिया में सर्वाधिक जनसंख्या के लिए दूसरे नंबर पर जाना जाता हैं. हमारे पास अपने लोगों को देने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं हैं ना ही सभी को हम आश्रय दे पा रहे हैं.
राहुल राजखोवा ने अपने रैप में पूर्वोत्तर भारत की अन्य समस्या की तरफ भी ध्यान खींचा है। राहुल राजखोवा ने आरोप लगाया है कि "मोदी सरकार न तो 15 खनिकों को बचा पाई, ना नौकरी दे पाई, जनसंख्या के कारण वनों की कटाई, मिट्टी का कटाव, वन्य जीव संघर्ष जैसे कई समस्याएं यहां मौजूद हैं. अब अप्रवासियों को न्योता दे कर नार्थ-ईस्ट को समाप्त करना चाहते हैं. इस सरकार में कई बेवकूफ भक्त है जिन्हें यह सब बातें समझ नहीं आती."
राहुल ने बोला है कि सरकार पैसों से ज्यादा वेलफेयर पर ध्याऩ दे. सत्ता का घमंड करने वाले नेता, सभी अप्रवासियों को गुजरात ले कर जायें ताकि हमारा राज्य खराब ना हो. यह सरकार ने नार्थ-ईस्ट को टूरिस्ट स्पॅाट बना कर नदियों, पहाड़ों को बर्बाद कर दिया है. क्राइम को बढ़ावा मिला और अब तीन और देशों की जनसंख्या का यहां ढेर लगाना चाहते हैं."
राहुल राजखोवा ने अपने रैप में आरोप लगाया कि बीजेपी ने असम कैंपेन में बांग्लादेशियों को बाहर करने का झूठा पाखंड दिखा कर और तीन देशों को रहने का न्यौता दे दिया.यह प्रगति का एजेंड़ा झूठा है. करो यह बिल पास और हजारों लोगों को मरते हुए देखो क्योंकि यह ही इस सरकार का खेल है. भगवान ही बचाएगा इस बिल से क्योंकि यह सरकार असफल हैं.
क्या है नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016:
नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रह रहे गैर-मुसलमानों समुदायों के लिए लाया गया है. इन समुदायों में प्रताड़ित हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म को मानने वाले अल्पसंख्यक शामिल हैं. इन समुदायों को 12 साल के बजाय अब केवल छह साल भारत में गुजारने पर ही भारतीय नागरिकता मिल जाएगी।
इन अल्पसंख्यकों को किसी और देश से भारत आने की यात्रा से जुड़े दस्तावेज भी नहीं देने होंगे। इस विधेयक को लोक सभा में कई आलोचनाओं से हो कर गुजरना पड़ रहा है. कांग्रेस, टीएमसी व अन्य विपक्षी दलों ने इस विधेयक के खिलाफ संसद से वाक-ऑउट किया था. नार्थ-ईस्ट में भी इस बिल के खिलाफ आन्दोलन जारी है.
वहां देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि दूसरे देशों से भारत आने वाले शरणार्थियों केवल असम में ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी ऐसे लोग शरण लेंगे.