क्या शाहीन बाग में औरतें बुर्का पहन कर डांस करती हैं ?
By अजीत कुमार सिंह | Published: January 26, 2020 01:05 PM2020-01-26T13:05:33+5:302020-01-27T10:25:57+5:30
गीतकार जावेद अख्तर ने कहा 'इस वीडियो की सच्चाई पता लगाने के लिए किसी को जासूस शर्लाक होम्स होने की जरूरत नहीं है .ये किसी शादी का वीडियो है. दुल्हन बैठी हुई है और ये लगभग 18 महीने पुराना वीडियो है.
दिल्ली का शाहीन बाग लगातार खबरों में है. नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में महीने भर से चल रहे प्रदर्शन की कवरेज करने पहुंचे न्यूज़ चैनल ‘न्यूज नेशन’ के सलाहकार संपादक दीपक चौरसिया पर शुक्रवार को हमले की खबरें आई थी. अब तारिक फतेह ने एक नया विडियो शेयर किया है जिसमें काले बुर्के में 8-10 महिलाएं एक स्टेज पर डांस कर रही है. ये महिलाएं एक फिल्मी गाने पर डांस कर रही है. तारिक फतेह खुद को पाकिस्तान में पैदा हुआ भारतीय कहते हैं, टोरंटो में रहते हैं और अक्सर टीवी की बहसों में दिखाई देते हैं.
वीडियो ट्वीट कर तारिक फतेह ने पूछा कि क्या कोई कन्फर्म कर सकता है कि ये वीडियो सीएए और एनरसी के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे प्रोटेस्ट का है या नहीं ? और नीचे हैशटैग दीपक चौरसिया लिखा, मतलब वो शाहीन बाग में दीपक चौरसिया पर हुए हमले से चिंतिंत थे.
Could someone confirm if this video is from the #CAA_NRCProtests at #ShaheenBagh or nor? pic.twitter.com/WKeL4RlUnO#DeepakChaurasia
— Tarek Fatah (@TarekFatah) January 25, 2020
तारिक फतेह की इस जिज्ञासा को शांत करने के लिए कई ट्विटर यूजर्स ने अपनी-अपनी पसंद-झुकाव के हिसाब से जवाब दिया. भारत के गौरवान्वित प्रधानमंत्री नाम के एक ट्विटर हैंडल ने इसे सपोर्ट किया और सवाल उठाया कि अरे सर इसीलिए तो दीपक चौरसिया जैसे पत्रकारों को मारकर भगा दिया जाता है और एनडीटीवी को इजाजत है. ये हैंडल लिखता है कि शाहीन बाग में खाने के लिए फ्री बिरयानी, 4-5 घंटे प्रोटेस्ट करने के 700 रुपए, फ्री इंटरनेट, शादी-पार्टी जैसा माहौल है तो कौन बेवकूफ वहां से उठकर जाना चाहेगा.
अरे सर इसीलिए तो दीपक चौरसिया जैसे पत्रकारों को मारकर भगा दिया जाता है और दलाल एनडीटीवी को इजाजत है
— भारत के गौरवान्वित प्रधानमंत्री 💪 (@RaviBis84769034) January 25, 2020
जब खाने को फ्री बिरयानी
4-5 घंटे के ₹700
सोने के लिए मखमल गद्दे
फ्री इंटरनेट
बातें मौज मस्ती करने का माहौल
शादी पार्टी जैसा माहौल
कौन बेवकूफ वहां से उठकर जाना चाहेगा
रोजगार है😂 pic.twitter.com/zIGwr9zraJ
लेकिन जल्दी ही तारिक फतेह का झूठ पकड़ा गया. ट्विटर यूजर नफीस अहमद ने एक स्क्रीन शॉट शेयर किया और कहा कि बिल्कुल यही वीडियो तारिक फतेह ने 2017 में भी शेयर किया था. जिसमें तारिक फतेह ने लिखा था कि यही होता है जब मुस्लिम औरतों पर जिन्न सवार हो जाता है. और जब जिन्न सवार हो जाए तो बुर्का पहनने का कोई फायदा नहीं .
एक दूसरे यूजर अंकित चावला ने भी वही स्क्रीन शॉट शेयर किया जिसमें तारेक ने जिन्न वाली बात लिखी है थी.Jhotha makkar badkirdar yahi same video tune 2017 bhi tweet ki thi...😠 pic.twitter.com/XZFPQ7ixCM
— Nafees Ahmed (@nafeesazami) January 25, 2020
Have some shame Mr. @TarekFatah same video you shared in 2017.
— Ankur Chawla (@Ask_AnkurChawla) January 26, 2020
ओर सुनो तुम्हारे मनसूबे कामयाब नहीं होने देंगे ! pic.twitter.com/yw17x457WM
इस वीडियो के समर्थन और विरोध में कई दावे हैं. इसमें एक दावा ट्विटर यूजर कामरान हुसैन का है.कामरान का कहना है कि ये कदयानी औरतें हैं. ये वीडियो शाहीन बाग का नही है. कामरान ने इसे किसी कदयानी लड़की की शादी का विडियो बताया है. कामरान ने बताया कि कदयानी लड़की की शादी में इस तरह का कार्यक्रम होता है.
ये कदयानी औरतें हैं ? शाहीन बाग का ये वेडियो नही है ? किसी कदयानी लड़की की शादी का ये वेडियो है। कदयानी कि लड़की की शादी में इस तरह का कार्यक्रम होता है। @TarekFatah एक फितना है। pic.twitter.com/N3ONCvGHjr
— Syed Kamran Hussain (@kamranYC) January 25, 2020
लेकिन तारिक फतेह को सबसे तगड़ा जवाब दिया फिल्म राइटर, गीतकार जावेद अख्तर ने. जावेद अख्तर ने कहा "इस वीडियो की सच्चाई पता लगाने के लिए किसी को जासूस शर्लाक होम्स होने की जरूरत नहीं है. ये किसी शादी का वीडियो है जहां दुल्हन बैठी हुई. ये लगभग 18 महीने पुराना वीडियो है. मुझे याद है कि तब ये वायरल हुआ था. आप शाहीन बाग की महिला प्रदर्शनकारियों से असहमत हो सकते हैं लेकिन इसे महत्वहीन मत बनाइये."
one doesn’t have to be Sherlock Holmes to see, this recording is of some stupid wedding celebration.The bride is sitting . It is atleast 18 months old I remember it had gone viral Sir you may disagree with the women protesters of SB but to trivialise them is not in good taste
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) January 26, 2020
वहीं, कुछ ट्विटर यूजर कह रहे हैं मंच पर महिलाएं नहीं बल्कि बुर्का पहन कर आदमी नाच रहे हैं. आपको याद होगा कि दीपक चौरसिया ने शाहीन बाग में हुई धक्का-मुक्की के बाद पुलिस से शिकायत की थी और बताया कि प्रदर्शन स्थल पर भीड़ ने उनके साथ मारपीट की और उनके कैमरे छीन लिए. दीपक चौरसिया के अलावा दूरदर्शन के रिपोर्टर नितेंद्र सिंह और उनके कैमरामैन की टीम के साथ प्रदर्शन स्थल पर प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने बदसलूकी की. अपने ट्विटर हैंडल पर दीपक चौरसिया ने एक मिनट का एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वह प्रदर्शनकारियों से घिरे हुए दिख रहे हैं जिनके साथ बाद में बदसलूकी की जाती है.
वीडियो में प्रदर्शनकारी उन्हें प्रदर्शनस्थल से हटाने और उनका माइक्रोफोन छीनने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. वीडियो के एक अन्य हिस्से में लोगों के एक समूह को कैमरामैन से कैमरा छीनते देखा जा सकता. हालांकि पत्रकारों पर हमले और इस वीडियो, दोनों की ही जांच होनी चाहिए.सुन रहे हैं कि संविधान ख़तरे में है, सुन रहे हैं कि लड़ाई प्रजातंत्र को बचाने की है! जब मैं शाहीन बाग की उसी आवाज़ को देश को दिखाने पहुँचा तो वहाँ मॉब लिंचिंग से कम कुछ नहीं मिला! #CAAProtests#ShaheenBaghpic.twitter.com/EhJxfWviTp
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) January 24, 2020