Video: 36 किमी की अनोखी रेस में ब्रिटिश नागरिक ने 50 घोड़ों और 1000 प्रतिभागियों को दी करारी शिकस्त, मिला 3.29 लाख रुपए का इनाम, जानें पूरा मामला
By आजाद खान | Published: June 15, 2022 10:42 AM2022-06-15T10:42:28+5:302022-06-15T10:45:17+5:30
रेस जीतने के बाद रिकी लाइटफुट ने बताया कि वह इस रेस में हिस्सा लेने से पहले 29 घंटों तक सोए नहीं थे। उन्होंने इस रेस को काफी रोमांचक रेस बताया है।
लंदन: ग्रेट ब्रिटेन के वेल्स शहर में एक बेहद रोमांचित रेस हुआ है। इस 36 किमी की रेस में एक ब्रिटीश नागरिक ने 50 घोड़ों और 1000 प्रतिभागियों को हराया है। ऐसा करने वाला यह शख्स तीसरा आदमी है। बताया जा रहा है कि यह रेस 1980 साल से चला आ रहा है। कोरोना के कारण पिछले कुछ वर्षों में इसका आयोजन नहीं हुआ था। लेकिन इस बार जब इसका आयोजन हुआ तो इसमें रिकी लाइटफुट नामक एक शख्स ने बाजी मारी और उन्हें इसके लिए इनाम भी मिला है। रिकी लाइटफुट ने रेस जीतने के बाद बताया कि वे इस रेस से पहले सोए नहीं थे और करीब 29 घंटे तक जगे ही रह कर इस रेस में शामिल हुए थे।
क्या है यह रेस और कैसे जीते रिकी लाइटफुट
जानकारी के मुताबिक, पेशे से फायरफाइटर रिकी लाइटफुट ने यह रेस मात्र 2 घंटे, 22 मिनट और 23 सेकंड में ही खत्म कर दिया है। इस दौरान उन्होंने घोड़ों को दो मिनट और एक सेकंड से हराया है। 36 किमी के इस रेस में 50 घोड़ों और 1000 प्रतिभागियों शामिल हुए थे जिन्हें रिकी लाइटफुट ने हराकर यह खिताब अपने नाम किया है।
इस जीत के लिए रिकी लाइटफुट को 3500 पौंड (करीब 3.29 लाख रुपए) का इनाम मिला है। जीत के बाद रिकी लाइटफुट ने कहा कि इस तरीके के रेस में हिस्सा लेना काफी अच्छा अनुभव था। उन्होंने घोड़ों के खिलाफ दौड़ने को बहुत ही रोमांचित रेस बताया है। अपना अनुभव शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि अपने पीछे घोड़ों की टॉपों को सुनकर दौड़ने काफी शानदार लगा है।
इससे पहले 2 लोगों ने जीता है यह खिताब
आपको बता दें कि इस रेस को जीतने वाले रिकी लाइटफुट अकेले रनर नहीं है। इससे पहले 2009 में हू लॉब ने घोड़े को दो मिनट से हराया था। वहीं 2007 में फ्लोरियन होल्टिंगर ने एक घोड़े को हराया था। इस रेस पर बोलते हुए वहां के लोगों ने कहा कि इंसान लंबी दूरी वाले ऐसे रेस में घोड़ों को भी हरा सकता है। ऐसे में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों की माने तो यह रेस आसान नहीं था और रास्त में खड़ी पहाडिय़ां और कीचड़ भरे क्षेत्रों से गुजरना काफी चुनौतीपूर्ण था।