"मेरी मां 5 दिसंबर को मर जाएगी और अंतिम संस्कार के लिए मुझे तीन दिन की छुट्टी चाहिए", शिक्षकों ने छुट्टी लेने के लिए अपनाया अजीबो-गरीब तरीका, पढ़े लेटर
By एस पी सिन्हा | Published: December 3, 2022 03:32 PM2022-12-03T15:32:48+5:302022-12-03T15:34:09+5:30
बिहारः कटोरिया के एक शिक्षक ने लिखा, "मैं 6 दिसंबर को भोज खाने जा रहा हूं, जिसमें मेरा पेट खराब हो जाएगा और इसके लिए मुझे 7,8 और 9 दिसंबर के लिए आकस्मिक छुट्टी स्वीकृत की जाय।"
पटनाः बिहार में इन दिनों छुट्टी के लिए शिक्षकों के आवेदन चर्चा का विषय बने हुए हैं। सबसे मजेदार बात तो यह है कि यहां के शिक्षक एडवांस में मृत्यु व अन्य बीमारियों की आशंका जताकर आकस्मिक अवकाश जो मांग रहे हैं।
बांका जिल में एक शिक्षक ने लिखा, "मेरी मां 5 दिसंबर को मर जाएगी और उसके अंतिम संस्कार के लिए मुझे तीन दिन का आकस्मिक छुट्टी स्वीकृत करने की कृपा की जाय।" कटोरिया के एक शिक्षक ने लिखा, "मैं 6 दिसंबर को भोज खाने जा रहा हूं, जिसमें मेरा पेट खराब हो जाएगा और इसके लिए मुझे 7,8 और 9 दिसंबर के लिए आकस्मिक छुट्टी स्वीकृत की जाय।"
छुट्टी के लिए अजब गजब का बहाना बनाकर आवेदन देने का मामला का आवेदन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। शिक्षकों के ऐसे अजीबो-गरीब आवेदन पर शिक्षा विभाग के अधिकारी अपना सिर पीट रहे हैं। दरअसल, बिहार में सरकारी शिक्षकों के लिए अनोखा फरमान जारी किया गया है।
आकस्मिक अवकाश यानी सीएल के लिए अब तीन दिन पहले ही आवेदन देना होगा। यह सरकारी आदेश मुंगेर, भागलपुर और बांका के लिए जारी किया गया है। शिक्षा विभाग की ओर से यही कहा जा रहा है कि ये आदेश शिक्षकों की कम संख्या को देखते हुए जारी किया गया है। इस अजीबोगरीब आदेश के बाद शिक्षकों में आक्रोश देखा जा रहा है।
शिक्षकों ने इस आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए जारी आदेश पत्र पर आपत्ति जताई है और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इस अजीबोगरीब आदेश का विरोध करते हुए शिक्षक भी अपना आक्रोश अनोखे अंदाज में व्यक्त कर रहे हैं. शिक्षक डमी आवेदन लिखकर अधिकारियों पर तंज रहे हैं।
शिक्षक पूछ रहे हैं कि आखिर कोई शिक्षक कैसे भविष्यवाणी करेंगे कि वो बीमार पड़ेंगे? इसके बाद छुट्टी के लिए अजीबो-गरीब आवेदन देने का सिलसिला जारी है। बाराहाट के खड़ियारा उर्दू विद्यालय के शिक्षक राज गौरव ने प्रधानाध्यापक को दिए आवेदन में लिखा है कि चार और पांच दिसंबर को वे बीमार रहेंगे।
इसके लिए आकस्मिक अवकाश दें। उधर, इस नियम का शिक्षक संघ पूर्णरूपेण विरोध कर रहा है। प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव घनश्याम प्रसाद यादव ने कहा कि प्रमंडल या जिलास्तर के अधिकारी का काम सरकार के नियमावली का अनुपालन कराना है। पत्र निकालने वाले अधिकारी को नियमावली बनाने का अधिकार किसने दिया है?
सीएल के आदेश का मामला मैं पटना तक पहुंचा चुका हूं। वहीं, बांका के जिला शिक्षा अधिकारी पवन कुमार का कहना है कि आयुक्त के आदेश पर सीएल के संबंध में पत्र जारी किया गया है। इस पत्र का मतलब शिक्षकों को परेशान करना नहीं है। वे लोग चाहते हैं कि शिक्षकों की छु्ट्टी के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो।
निरीक्षण के दौरान कई विद्यालयों में एक साथ अधिकतर शिक्षक छुट्टी पर मिले। पढ़ाई बाधित मिली। इसे देखते हुए सीएल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया गया है। जरूरी पड़ने पर किसी का अवकाश रोका नहीं जाएगा। कुछ लोग इस मामले को बेवजह तूल दे रहे हैं।