बिहार पुलिस की किरकिरी, जगन्नाथ मिश्रा के अंतिम संस्कार में सलामी के वक्त 22 राइफलों से नहीं चली एक भी गोली, देखें वायरल वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 22, 2019 08:59 AM2019-08-22T08:59:33+5:302019-08-22T08:59:33+5:30
बिहार के सुपौल के बलुआ में 1937 में जन्में जगन्नाथ मिश्रा अपने समय में कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार रहे। बिहार में कांग्रेस को ऊंचाइयों तक ले जाने में उनका योगदान अहम रहा। हालांकि बाद में जेडीयू से जुड़ गये। उनके जीवन के सबसे संघर्षपूर्ण 1995 के बाद के रहे जब 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले में उनका नाम आया।
21 अगस्त बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन इस विशेष मौके पर बिहार पुलिस का एक वीडियो वायरल हो गया है। असल में बिहार पुलिस की 22 राइफल फेल हो गईं। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। खास बात ये रही कि पुलिस की ये बेइज्जती मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने ही हुई। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मिश्रा की सुपौल में उनके पैतृक गांव में अंत्येष्टि हो रही थी। इस दौरान शव को सलामी देने पहुंचे पुलिस वालों ने जब फायरिंग की तो किसी की बंदूक नहीं चली।
पूर्व मुख्यमंत्री के सम्मान में उनको 22 बंदूकों से सलामी दी जानी थी। अंतिम संस्कार के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत अनेक मंत्री व अधिकारी मौजूद थे। दिवंगत मिश्रा के सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर के लिए 22 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। पुलिस के इस कारनामे पर राजद ने चुटकी ली है। पार्टी के विधायक यदुवंश यादव ने कहा कि ये न केवल पुलिस की नाकामी बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री के सम्मान के साथ खिलवाड़ का मामला है। इस मामले की जांच होनी चाहिए।
#WATCH Rifles fail to fire during the state funeral of former Bihar Chief Minister Jagannath Mishra, in Supaul. (21.8.19) pic.twitter.com/vBnSe7oNTt
— ANI (@ANI) August 22, 2019
मिश्रा का निधन सोमवार को दिल्ली के एक अस्पताल में हो गया था। मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया गया। अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ा जनसैलाब मिश्रा को अंतिम विदाई देने जनसैलाब उमड़ पड़ा। मिथिला के इतिहास पुरुष को अंतिम विदाई देने के लिए बिहार के कोने-कोने से लोग पंहुचे हुए थे। इससे पूर्व भीमपुर चौक से लंबे काफिले के साथ एंबुलेंस में उनका पार्थिव बलुआ बाजार स्थित निवास स्थल में लाया गया। इस दौरान रास्ते पर ''जगन्नाथ मिश्रा अमर रहे'','' जब तक सूरज चांद रहेगा डॉक्टर साहब तेरा नाम रहेगा'' के नारों से गूंज रहा था।