Bihar Board Exam: महिला की हिम्मत को सलाम, बच्चे को जन्म देने के बाद एंबुलेंस से परीक्षा केंद्र पहुंची, जानें
By एस पी सिन्हा | Published: February 23, 2023 06:25 PM2023-02-23T18:25:57+5:302023-02-23T18:27:17+5:30
Bihar Board Exam: रुक्मिणी ने मंगलवार को बिहार बोर्ड की गणित की परीक्षा दी थी और रात में प्रसव पीड़ा हुई थी। स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया, फिर परीक्षा देने चली आई।
पटनाः बिहार के बांका जिले में एक महिला की हिम्मत देख सभी दंग रह गये। दरअसल, मैट्रीक(बोर्ड) की परीक्षा देने वाली रुक्मिणी अस्पताल में बच्चे को जन्म देने के कुछ घंटे बाद ही एंबुलेंस से परीक्षा केंद्र पहुंच गई। जिसने भी यह सुना वह दंग रह गया। रुक्मिणी ने मंगलवार को बिहार बोर्ड की गणित की परीक्षा दी थी और रात में उसे प्रसव पीड़ा हुई थी।
बावजूद इसके वह अगले दिन विज्ञान की परीक्षा देने परीक्षा हॉल में आई तो उसे प्रसव पीड़ा हो रही थी। जब दर्द असहनीय हो गया तो उसने अधिकारियों को सूचित किया। तत्काल एंबुलेंस बुलाया गया और उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया, फिर परीक्षा देने चली आई।
रुक्मिणी की डिलीवरी करने वाले डॉक्टर भोलानाथ ने बताया कि परीक्षा केन्द्र से इमरजेंसी कॉल आते ही हॉस्पिटल में लेबर रूम (जहां प्रसव होना था) तैयार कर लिया गया था। डिलीवरी नॉर्मल हुई। बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद उसने डॉक्टर और शिक्षा अधिकारियों से जिद की कि उसे अपनी परीक्षा पूरी करनी है।
आनन-फानन में उसे अनुमति दी गई। वह वापस परीक्षा केन्द्र की तरफ भागी। पेपर पूरा किया और फिर एक मां अपने नवजात शिशु के पास लौट आई। हालांकि रुक्मिणी को डॉक्टर और परिवार के सदस्यों ने स्वास्थ्य लाभ लेने की सलाह दी थी। लेकिन उसने मानने से इनकार कर दिया और एक एंबुलेंस पर सवार होकर परीक्षा देने परीक्षा केंद्र पहुंच गई।
बांका के जिला शिक्षा अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि यह साबित करता है कि महिलाओं की शिक्षा पर सरकार के जोर को बढ़ावा मिला है। अनुसूचित जाति से संबंधित रुक्मिणी सभी के लिए प्रेरणा बन गई है। वहीं रुक्मिणी ने कहा कि मंगलवार से मुझे कुछ परेशानी हो रही थी जब मैंने गणित की परीक्षा दी थी पर पेपर अच्छा गया था। मैं विज्ञान के बारे में उत्साहित थी, जिसकी परीक्षा अगले दिन बुधवार को होने थी।
मैं परीक्षा देने भी गई, लेकिन मुझे अस्पताल जाना पड़ा। मैंने एक बच्चे को जन्म दिया। मैं चाहती हूं कि मेरा बच्चा अच्छी तरह से पढ़ाई करे और बड़ा होने पर एक मुकाम हासिल करे, इसलिए मैं खुद को नहीं रोक पायी थी। उसने बताया कि मेरा विज्ञान का पेपर भी अच्छा गया। मुझे उम्मीद है कि मैं अच्छा स्कोर करूंगी।
वहीं, डॉक्टर भोला नाथ ने बताया कि शुरुआत में हमने रुक्मिणी को मनाने की कोशिश की कि वह परीक्षा न दें क्योंकि बच्चे के जन्म की कठिनाइयों ने उनके स्वास्थ्य पर असर डाला था। लेकिन वह अड़ी रही। इसलिए, हमने एक एंबुलेंस व्यवस्था की और किसी भी आपात स्थिति में उनकी सहायता के लिए कुछ पैरामेडिकल कर्मियों की तैनाती की। उन्होंने कहा कि मुझे संतोष है कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और रुक्मिणी बेहतर शिक्षा पाने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने में सक्षम हो सकी है।