इंडिया गेट पर शहीदों के लिखे नाम में 65 फीसदी मुस्लिम, जानें असदुद्दीन ओवैसी के दावे का पूरा सच
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 23, 2019 07:03 AM2019-07-23T07:03:53+5:302019-07-23T07:03:53+5:30
असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया था, जब मैं इंडिया गेट गया तो मैंने वहां उन नामों की फेहरिस्त को देखा जिन्होंने हिन्दुस्तान की आजादी के लिए अपनी जान गंवा दी। उस इंडिया गेट पर 95,300 लोगों के नाम लिखे हुए हैं। आपको ये जानकर खुशी होगी कि उनमें से 61,945 सिर्फ मुसलमानों के नाम हैं। यानी 65 फीसदी सिर्फ मुसलमानों के नाम हैं।
एआईएमआईएम पार्टी के अध्यक्ष और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मुंबई के चांदीवली इलाके में 13 जुलाई 2019 को एक कार्यक्रम में दावा किया था कि दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर भारत की आजादी के लिए अपनी जान गंवाने वाले लोगों के नाम लिखे हुए हैं, जिनमें से 65 फीसदी नाम हिन्दुस्तान के मुसलमानों के हैं'। सोशल मीडिया पर ओवैसी का ये भाषण वायरल हो गया। लोग ओवैसी के भाषण के उस हिस्से को शेयर कर रहे हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि असदउद्दीन ओवैसी का ये दावा कितना सही है?
ये है वो पूरा बयान जो ओवैसी ने दिया था...
असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया था, जब मैं इंडिया गेट गया तो मैंने वहां उन नामों की फेहरिस्त को देखा जिन्होंने हिन्दुस्तान की आजादी के लिए अपनी जान गंवा दी। उस इंडिया गेट पर 95,300 लोगों के नाम लिखे हुए हैं। आपको ये जानकर खुशी होगी कि उनमें से 61,945 सिर्फ मुसलमानों के नाम हैं। यानी 65 फीसदी सिर्फ मुसलमानों के नाम हैं। तो बीजेपी, आरएसएस और शिवसेना का कोई आदमी अगर आपसे कहे कि आप देशभक्त नहीं हैं, तो वो उसे इंडिया गेट देखकर आने को कहें''
असदुद्दीन ओवैसी के इस दावे के बाद लोग सोशल मीडिय पर कुछ ऐसे दावे करने लगे।
दिल्ली के इंडिया गेट पर कुल 95,300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम हैं....
मुसलमान -61395
सिक्ख – 8050
पिछड़े वर्ग के - 14480
दलित -10777
सवर्ण – 598
संघी आरएसएस वाले - 00
देखें ट्वीट
दिल्ली के इंडिया गेट पर कुल 95 , 300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम है
— DR USHA YADAV (@drushayadav) June 14, 2019
मुसलमान : 61395
- सिख : 8050
- पिछड़े : 14480
- दलित : 10777 -
सवर्ण :598
- संघी : 00
इंडिया गेट पर कुल 95,300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम अंकित हैं उनमें 61,395 मुसलमान हैं और फ़िर भी ये संघी चिल्लाते हैं कि मुसलमान गद्दार हैं किसी के सामने किसी को देशभक्ति साबित करने की कोई जरूरत नहीं है मुसलमानों को।
— Aafrin (@Aafrin7866) May 6, 2019
जय हिंद
जय भारत
इंडिया गेट पर कुल 95,300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम छपे हुए हैं और उन में से 61,395 मुसलमान हैं। मुस्लिम को कोई सबूत देने की जरूरत नहीं है। तब अंग्रेज उनको देशद्रोही कहते थे, और आज उन अंग्रेजों के चाटुकार संघी, उन्हें देशद्रोही कहते हैं।
— बेबाक रवीश (@RoflRavish9) December 22, 2018
असदुद्दीन ओवैसी के इस दावे की सच्चाई
दिल्ली सरकार की अधिकारिक वेबसाइट के पर लिखा हुआ है कि इंडिया गेट की नींव ड्यूक ऑफ कनॉट ने 1921 में रखी गई थी। इसका डिजाइन इडविन लुटियन ने किया था और 10 साल बाद 1931 में बनकर तैयार हुआ। जिसका उद्घाटन वायसराय लॉर्ड इरविन ने किया। यानी भारत की आजादी से 16 साल पहले।
42 मीटर ऊंचा ये स्मारक अंग्रेजों के शासन के दौरान ब्रिटिश आर्मी के लिए लड़ते हुए मारे गए भारतीयों की याद में बनाया गया था जिसे पहले 'ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल' कहा जाता था। वेबसाइट के अनुसार इस पर 13 हजार 516 भारतीय सैनिकों के नाम लिखे हुए हैं। इनमें 1919 के अफगान युद्ध में मारे गए भारतीय सौनिकों के नाम भी शामिल हैं।
वहीं, कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन के मुताबिक इंडिया गेट पर 13 हजार 220 भारतीयों के नाम दर्ज हैं। जो 1914 से 1919 के बीच ब्रितानी शासन के लिए लड़े थे। जिसमें यह भी बताया गया है है कि कमीशन ने सैनिकों की इस लिस्ट को उनके सेवा-क्षेत्र (आर्मी, एयर फोर्स और नेवी) के आधार पर बांटा है जिसमें सभी धर्मों के लोग शामिल हैं। कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन ये एक ऐसी संस्था है जो दुनिया भर में युद्ध शहीदों का रिकॉर्ड रखती है। कमीशन के वेबसाइट पर लिस्ट भी मौजूद है।
तो देखा जाये तो असदुद्दीन ओवैसी और सोशल मीडिया ऐसे दावे कर रहे लोगों की बात सत प्रतिशत झूठ है। इंडिया गेट पर आजादी के सिपाहियों के नाम नहीं खुदे हैं। इंडिया गेट पर उन सिपाहियों ने नाम लिखे हैं जो विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना की ओर से शहीद हुये थे। इनकी कुल संख्या 13 हजार 220 है न कि 95 हजार 300 जैसा कि दावा किया जा रहा है।