Fact Check: कृषि बिल पास होते ही अडाणी ग्रुप ने पंजाब में भंडारण के लिए बनाए स्टोरेज?, जानें क्या है सच्चाई
By अनुराग आनंद | Published: September 28, 2020 07:50 PM2020-09-28T19:50:55+5:302020-09-28T19:56:37+5:30
अडानी एग्री लॉजिस्टिक लिमिटेड के स्वामित्व वाली एक अनाज मंडी की तस्वीर इंटरनेट पर इस दावे के साथ वायरल हो रही है कि कृषि बिल पास होने के बाद पंजाब में अडाणी ग्रुप ने भंडारण के लिए स्टोरेज स्थापित करना शुरू कर दिया।
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की सरकार को इन दिनों संसद से पारित कृषि बिलों को लेकर देश भर के किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। बीते दिनों विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन कृषि बिल - किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक, 2020 पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता, और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक को सदन में पारित करा दिया। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये बिल कानून बन चुका है।
इस बीच, सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर के माध्यम से सोशल मीडिया यूजर्स यह दावा कर रहे हैं कि कृषि संबंधी बिल पास होने से पहले ही अडाणी ग्रुप ने जमीन खरीदकर अनाज को जमा करने के लिए स्टोरेज बनाना शुरू कर दिया है।
#CongressBjpKilledDemocracy
— Arun jangid (obc) (@arunjangidRAPVM) September 22, 2020
बिल अभी राष्ट्रपति के पास गया है संसद में बाकी है और एडवांस में अदानी की तैयारी शुरू है। किसानों को पूरी तरह बर्बाद करके ही छोड़ेगे कांग्रेस बीजेपी वाले।#राष्ट्रीय_किसान_मोर्चा इसका जाहिर विरोध करता है@WamanCMeshram#CongressBjpKilledDemocracypic.twitter.com/qII7LMDvLS
शेयर किए गए पोस्ट से समझिए क्या है मामला-
कृषि बिलों के खिलाफ चल रहे व्यापक प्रदर्शनों के बीच, सोशल मीडिया पर अडानी एग्री लॉजिस्टिक लिमिटेड के स्वामित्व वाली एक बोर्ड की तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि अडानी ग्रुप ने बिल पास होने से पहले ही पंजाब के मोगा में एक अनाज भंडारण करने के लिए स्टोरेज बनाने का काम शुरू कर दिया है।
बता दें कि साइलो (एक तरह का स्टोरेज) एक विशाल इस्पात संरचना है जिसका उपयोग अनाज को लंबी अवधि के लिए संग्रहीत करने के लिए किया जाता है। एक ट्विटर यूजर ने इस तस्वीर को अपलोड कर कहा है कि बिल राष्ट्रपति के पास चला गया है, बाकी संसद में है लेकिन अडानी के लिए तैयारी शुरू हो चुकी है। कांग्रेस और भाजपा किसानों को पूरी तरह बर्बाद कर देंगे। "
क्या है पोस्ट की सच्चाई-
इंडिया टुडे रिपोर्ट की मानें तो यह तस्वीर काफी पुरानी है। फैक्ट चेक में पाया गया है कि सोशल मीडिया पर पंजाब के मोगा में स्थित जिस अडाणी ग्रुप के बोर्ड की फोटो शेयर की जा रही है, दरअसल वहां अडानी का अनाज भंडारण 2007 से ही हो रहा है।
इस तरह साफ है कि यहां करीब 13 साल पहले से अडाणी ग्रुप का स्टोरेज है। अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, भारतीय खाद्य निगम (FCI) के साथ मिलकर कंपनी 2007 से भारत में काम कर रही है। कंपनी पंजाब में मोगा और हरियाणा में कैथल में अनाज का भंडारण करने के लिए एक खास तरह के स्टोरेज को चलाती है।
कंपनी के अनुसार, भारत सरकार ने पारंपरिक तरीकों का उपयोग करके खाद्यान्नों के भंडारण में किसानों को होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए इस कंपनी को मान्यता दी। यही वजह है कि एफसीआई के साथ सरकार ने वर्ष 2000 में देश की पहली आधुनिक खाद्यान्न भंडारण सुविधा के लिए एक वैश्विक निविदा का प्रचार देकर कंपनियों को आमंत्रित किया था। इस निविदा को गुजरात स्थित अडानी समूह द्वारा प्राप्त किया गया था।
निष्कर्ष क्या है-
रिपोर्ट की मानें तो उस समय जब कंपनी ने यहां काम करना शुरू किया था, तब की खबर बिजनेसलाइन और मिंट द्वारा प्रकाशित की गई थी। 2015 में प्रकाशित मिंट की रिपोर्ट में वर्ष 2007 में अडानी एग्री साइलो की स्थापना का भी उल्लेख है।
इस तरह साफ है कि सोशल मीडिया पर जो दावा कर फोटो सर्कुलेट किया जा रहा है, वह गलत है। कृषि बिल 2020 के पास होने से पहले नहीं बल्कि अभी से 13 साल पहले ही इसकी शुरूआत की जा चुकी है। इस तरह सोशल मीडिया पर जिस दावा के साथ फोटो को शेयर किया जा रहा है, वह गलत है।