'मोदी है तो मुमकिन है' नारे को सच मानकर 37 चिट्ठियां लिख चुका है यह बच्चा, पीएम ने आजतक नहीं दिया जवाब
By रजनीश | Published: June 8, 2019 07:35 PM2019-06-08T19:35:13+5:302019-06-08T19:35:13+5:30
13 साल के एक बच्चे को अपने पिता की नौकरी जाने का इतना दर्द है कि उसने पीएम मोदी के उस नारे को सच मान लिया कि मोदी है तो मुमकिन है और लिख दिया 37 चिट्ठियां...
उत्तर प्रदेश का रहने वाला कक्षा 8वीं का छात्र सार्थक त्रिपाठी ने पीएम मोदी से अपने पिता की नौकरी वापस दिलाने की गुहार लगाई है। सार्थक के पिता उत्तर प्रदेश स्टॉक एक्सेंज (यूपीएसई) में काम करते थे।
पिता को उनकी नौकरी वापस दिलाने के लिए 13 साल के बच्चे सार्थक ने पीएम मोदी को एक, दो नहीं बल्कि 37 चिट्ठियां लिखीं हैं। सार्थक ने पीएम मोदी को भेजी चिट्ठियों में लिखा कि,"पिता की नौकरी जाने के बाद उसका परिवार बहुत परेशानियों से गुजर रहा है। मेरी पीएम मोदी से निवेदन है कि वो मेरे पापा की नौकरी वापस दिलवा दें।"
सार्थक ने लिखा कि बिना किसी वजह के उसके पिता को यूपीएसई से नौकरी से निकाला गया। 13 साल का सार्थक लगभग पिछले 4 से (साल 2016) से पीएम मोदी को चिट्ठियां लिख रहा है, लेकिन आज तक उसे पीएम मोदी से कोई जवाब नहीं मिला है।
एक चिट्ठी में सार्थक त्रिपाठी ने यहां तक लिखा कि मैंने पीएम मोदी का स्लोगन सुना है- मोदी है तो मुमकिन है इसलिए मेरी गुजारिश है कि पीएम मोदी एक बार मेरी बात सुनें।
आगे उसने लिखा कि उनके पिता को यूपीएसई के ही कुछ लोगों ने नौकरी से निकलवा दिया है। उन लोगों के खिलाफ कार्यवाई की जाए और पिता को इंसाफ मिले।