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ईरान का अमेरिका पर साइबर हमला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 5, 2020 04:56 PM2020-01-05T16:56:49+5:302020-01-05T16:56:49+5:30

ईरानी कुद्स फोर्स के मुखिया कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरानी सरकार ने कहा था कि वो इसका बदला लेगी..हालांकि अमेरिका ने पलटवार करते हुए कहा था कि अगर इरान बदला लेने कोशिश करेगा तो अंजाम बुरा होगा..लेकिन दोनों देशों के बीच साईबर वॉर जरूर शुरू हो चुका है..ईरान के हैकर होने का दावा करने वाले एक ग्रुप ने एक अमेरिकी सरकारी एजेंसी फेडरल डिपोजिट्री लाइब्रेरी प्रोग्राम की वेबसाइट हैक कर ली ..हैकरों ने वेबसाइट पर मारे गये ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने का संकल्प लेते हुए एक मैसेज पोस्ट कर दिया ..फेडरल डिपोजिट्री लाइब्रेरी प्रोग्राम की वेबसाइट पर हैकरों ने ईरानियन हैकर्स नाम से पेज डाला और उस पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी और ईरानी झंडे की तस्वीर लगा दी. हैकरों ने वेबसाइट पर लिखा, सुलेमानी के अथक प्रयासों का पुरस्कार.... शहादत थी.. वेबसाइट पर लिखा गया उनकी रवानगी और ईश्वर की ताकत से उनका काम और मार्ग बंद नहीं होगा और उनके एवं अन्य शहीदों के खून से अपने गंदे हाथों को रंगने वाले अपराधियों से बदला लिया जाएगा.. पेज पर सफेद बैकग्राउंड में कैप्शन लिखा गया, यह ईरान की साइबर क्षमता का एक मामूली हिस्सा है..इस साइबर अटैक के बाद ये अमेरिकी वेब साइट ऑफलाइन हो गयी है...कांग्रेस द्वारा स्थापित फेडरल डिपॉजिटरी लाइब्रेरी प्रोग्राम का काम जनता को सरकारी जानकारी देना है.. फ़ेडरल डिपॉज़िटरी लाइब्रेरी प्रोग्राम का मिशन फ़ेडरल गवर्नमेंट की जानकारी बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराना है.. अमेरिी वेबसाइट पर हुए साइबर हमले के साथ ही शनिवार को इराक की राजधानी बगदाद के ग्रीन जोन इलाके में दो मोर्टार बमों से भी हमला हुआ और अमेरिकी सैनिकों के ठिकाने पर दो रॉकेट दागे गये.. ये हमले बगदाद में अमेरिकी हमले के एक दिन बाद हुआ है.. ग्रीन ज़ोन हाई सिक्योरिटी वाला वो इलाका है जहां अमेरिकी दूतावास है..इराकी सेना ने कहा कि एक रॉकेट जोन के अंदर जा कर गिरा वहीं दूसरा उसके पास गिरा.. सूत्रों ने ‘एएफपी’ को बताया कि इसके बाद दो कतयूशा रॉकेट बगदाद के उत्तर में बालाद एयरबेस पर गिरे..इस एयर बेस पर अमेरिकी सैनिक रहते हैं.

 

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