Donald Trump के जाते ही China ने Joe Biden से घनिष्ठता जताई, बढ़ाया दोस्ती का हाथ
By गुणातीत ओझा | Published: January 24, 2021 09:30 PM2021-01-24T21:30:49+5:302021-01-24T21:31:31+5:30
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने पेरिस जलवायु समझौते (Paris Climate Deal) में पक्ष बनने और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ कामकाज बहाल करने के बाइडन के शुरुआती कदमों का स्वागत किया।
ट्रंप के जाने के बाद चीन-अमेरीका बनेंगे दोस्त?
अमेरिका (America) के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के शपथ ग्रहण के बाद राहत में दिख रहे चीन (China) ने गुरुवार को नये अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रति घनिष्ठता जताई और उनसे अनुरोध किया कि डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के कार्यकाल में अत्यंत बिगड़ गये द्विपक्षीय संबंधों को सुधारा जाए और फिर से पटरी पर लाया जाए। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने पेरिस जलवायु समझौते (Paris Climate Deal) में पक्ष बनने और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ कामकाज बहाल करने के बाइडन के शुरुआती कदमों का स्वागत किया। ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ के कोविड-19 से निपटने के तरीके को लेकर उसे चीन की कठपुतली करार दिया था।
चीन ने जो बाइडन को दी बधाई
चुनयिंग ने कहा, ‘‘हम राष्ट्रपति बाइडन को उनके शपथ ग्रहण पर बधाई देते हैं। मैंने देखा कि अमेरिका के कई मीडिया संस्थानों ने कहा कि एक असाधारण अवधि से गुजरने के बाद यह अमेरिका में नया दिन है, हमारा मानना है कि हमारी दोनों की जनता एक बेहतर भविष्य को गले लगाने की हकदार है। हमें उम्मीद है कि बाइडन शासन में सफल होंगे।’’ चुनयिंग ने कहा, ‘‘मैंने देखा कि उनके पहले भाषण में कई बार वैश्विक एकता का उल्लेख हुआ। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में यह अत्यावश्यक है।’’ उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में ‘कुछ मुट्ठीभर अमेरिकी राजनेताओं ने इतने अधिक झूठ बोले हैं और बहुत नफरत तथा विभाजन बढ़ाया है’। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘चीनी और अमेरिकी लोग इसका शिकार हुए हैं।’’ उन्होंने नये अमेरिकी प्रशासन से चीन-अमेरिका के बिगड़ गये संबंधों को फिर से पटरी पर लाने को कहा।
ट्रंप प्रशासन के समापन के साथ राहत में चीन
चुनयिंग ने कहा, ‘‘हमारी भिन्न सामाजिक व्यवस्थाएं हैं, विकास के चरण हैं और ऐतिहासिक संस्कृति है। हमारे बीच मतभेद होना स्वाभाविक है। बाइडन ने भी कहा कि लोकतंत्र में असहमति और असंतोष का अधिकार होना चाहिए।’’ बुधवार को ट्रंप प्रशासन के समापन के साथ ही चीन ने बड़ी राहत की सांस ली और उम्मीद जताई कि बीजिंग-वाशिंगटन के रिश्तों में सबसे अधिक तनावपूर्ण समय रहने के बाद अब बर्फ पिघलेगी। यहां सरकारी मीडिया ने कहा कि बाइडन ने अपने पहले भाषण में मुख्य रूप से देश में एकता लाने पर जोर दिया था और ट्रंप के उलट एक बार भी चीन का नाम नहीं लिया। हालांकि उन्होंने बिगड़े हुए संबंधों को सही करने का भी कोई संकेत नहीं दिया। ट्रंप ने अपने कार्यकाल में अमेरिका-चीन संबंधों के सभी पहलुओं पर आक्रामकता के साथ दबाव बनाकर रखा था।
चीन ने लगाया ट्रंप प्रशासन से जुड़े 27 लोगों पर प्रतिबंध
अमेरिका के नए राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन के शपथ ग्रहण करने के कुछ ही मिनटों बाद चीन ने उसके हितों को ‘‘गंभीर नुकसान’’ पहुंचाने वाले कदम उठाने को लेकर अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन से जुड़े 27 अन्य लोगों के खिलाफ प्रतिबंध लागू कर दिए। चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार देर रात इन प्रतिबंधों की घोषणा की। इस सूची में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक सलाहकार रहे पीटर के नवारो, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट सी ओ ब्रायन, व्हाइट हाउस में पूर्व रणनीतिकार स्टीफन के बैनन, मानव सेवा मंत्री एलेक्स एम अजार और संयुक्त राष्ट्र की राजदूत केली डी के क्राफ्ट शामिल हैं। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था, ‘‘इन व्यक्तियों और उनके परिवार के सदस्यों के चीनी मुख्य भूमि, हांगकांग और मकाउ में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। उनके, उनसे जुड़ी कंपनियों और संस्थाओं के भी चीन में व्यापार करने पर प्रतिबंध है।’’
चीन ने विशेष रूप से पोम्पियो पर निशाना साधा
बाइडन के शपथग्रहण समारोह के तत्काल बाद इन प्रतिबंधों की घोषणा की गई। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के पूर्ववर्ती प्रशासन के दौरान चीन और अमेरिका के संबंध कारोबार, मानवाधिकार, कोरोना वायरस संबंधी वैश्विक महामारी फैलने और विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक सैन्य कदमों समेत कई मामलों के कारण संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। चीन ने विशेष रूप से पोम्पिओ पर निशाना साधा। उल्लेखनीय है कि पोम्पिओ ने चीन पर नए प्रतिबंध लगाते हुए घोषणा की थी कि पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में बीजिंग की मुसलमानों एवं जातीय अल्पसंख्यकों संबंधी नीतियां ‘‘जनसंहार’’ के समान हैं। हुआ ने इन आरोपों के बारे में कहा, ‘‘पोम्पिओ ने पिछले कई साल में अनगिनत विद्वेषपूर्ण झूठ बोले और आपने जिस मामले का जिक्र किया, वह उन्हीं मनगढ़ंत बातों में से एक है। हमारे लिए पोम्पिओ का तथाकथित संकल्प कागज के एक बेकार टुकड़े से अधिक नहीं है।’’