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मां के दूध का रंग हो गया हरा, वजह जानकर चौंक जाएंगे

By गुणातीत ओझा | Published: February 13, 2021 09:04 PM2021-02-13T21:04:20+5:302021-02-13T21:05:12+5:30

मेक्सिको की एक महिला जिसने हाल ही में एक बच्ची को जन्म दिया था उसने दावा किया है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद उसके दूध का रंग हरा हो गया।

कोरोना वायरस की वजह से लोगों के शरीर में बदलाव के कई मामले सामने आए हैं। लेकिन जो मेक्सिको में हुआ उससे सभी चकित हैं। मेक्सिको की एक महिला जिसने हाल ही में एक बच्ची को जन्म दिया था उसने दावा किया है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद उसके दूध का रंग हरा हो गया। मेट्रो की रिपोर्ट के मुताबिक मेक्सिको की रहने वाली 23 साल की अन्ना कॉर्टेज ने कहा कि वे और उनकी बच्ची कोरोना संक्रमित हो गए थे। संक्रमण की चपेट में आने के बाद उनके दूध का रंग नियॉन ग्रीन (एक तरह से हरा) हो गया, जिसे देख वह दंग रह गई। इसके बाद जब उनका इलाज चला और वो ठीक हो गई यानि कोरोना निगेटिव हो गई तो उनके दूध का रंग सामान्य हो गया। 

अन्ना कॉर्टेज के दावे के बाद स्तनपान सलाहकार और बाल रोग विशेषज्ञ ने अन्ना को आश्वस्त किया कि उन्हें  घबराने की जरूरत नहीं है और उनका दूध पूरी तरह से सुरक्षित है और बच्ची के लिए हानिकारक नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके शरीर के अंदर मौजूद नेचुरल एंटीबॉडीज की वजह से दूध का रंग बदल गया होगा, क्योंकि एंटीबॉडी संक्रमण से लड़ते हैं और बच्चे की रक्षा करते हैं।

विशेषज्ञों ने एक और राय रखी है कि अन्ना के दूध का हरा रंग उनके आहार के कारण भी हो सकता है। इसपर अन्ना कहती हैं कि उनके खाने की आदतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है और तो और काफी मात्रा में पालक खाने के बावजूद भी उनके दूध का रंग हमेशा सफेद ही रहता है। अन्ना के इस दावे के बाद सभी हैरान हैं। अन्ना कॉर्टेज ने कहा कि मैंने अपनी  बेटी की देखरेख करने वाले डॉक्टर से बात की जो एक स्तनपान सलाहकार भी हैं। उन्होंने कहा कि जब मां बीमार हो जाती है, या जब बच्चा ठंड या पेट के वायरस की वजह से बीमार हो जाता है तो ऐसे में मां के दूध का रंग बदल जाता है। 

अन्ना ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद भी उन्होंने अपनी बच्ची अपना दूध पिलाना जारी रखा था। इस विषय पर ब्रिटिश एक्सपर्ट्स का कहना है कि मां कोरोना संक्रमित हो जाए तो भी उसे बच्चे को दूध पिलाना नहीं छोड़ना चाहिए। ऐसा इसलिए कि मां का दूध ही ऐसी स्थिति में बच्चे की रक्षा करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अब तक के जो अध्ययन सामने आए हैं, उसमें दूध के भीतर वायरस के जाने के संकेत कहीं नहीं हैं।

अन्ना ने उनके शरीर में हुए बदलाव व उनके दूध के रंग से जुड़ी तस्वीरें मिल्की ममा के फेसबुक ग्रुप पर शेयर की तो कुछ ही देर में तस्वीरें वायरल हो गईं। मिल्की ममा कैलिफोर्निया स्थित एक फर्म है जो दूध उत्पादन में मदद करने वाले प्रोडक्ट्स व ब्राउनी, बिस्किट बनाती है।

वहीं, डॉक्टर ने बताया कि जब शरीर में एंटीबॉडीज संक्रमण से लड़ती हैं तो इस तरह के बदलाव संभावित होते हैं। इसमें दूध का रंग बदलना संभव है। लेकिन ये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में हो रहे सकारात्मक बदलाव का नतीजा है। फिलहाल अन्ना और उसकी बच्ची सुरक्षित हैं।

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