googleNewsNext

जानें क्यों मोदी सरकार ने हज सब्सिडी पर लगाई रोक

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: January 17, 2018 07:39 PM2018-01-17T19:39:02+5:302018-01-17T19:42:14+5:30

मोदी सरकार के हज सब्सिडी खत्म करने के फैसले के बाद इसे लेकर पक्ष और विपक्ष आमन�..

मोदी सरकार के हज सब्सिडी खत्म करने के फैसले के बाद इसे लेकर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। सरकार ने फैसले के बचाव में सम्मान के साथ हज की बात कह रही है तो वहीं विपक्ष सरकार पर अहम मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए मुस्लिम समाज को बेवजह परेशान करने का आरोप लगा रहा है। 

हज सब्सिडी खत्म करने की शुरुआत 2012 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से हुई थी। जिममें सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने की बात कही गई थी। लेकिन अब मोदी सरकार ने इसे एक झटके में पूरी तरह खत्म कर दिया है।

हज सब्सिडी के इतिहास पर नजर डाले तो 1973 में हज यात्रियों को लेकर जा रहे एक जहाज के हादसे के बाद सरकार ने फैसला किया कि अब हज यात्री सिर्फ हवाई मार्ग से ही जाएंगे। जायरीनों पर हवाई यात्रा की वजह से जो अतिरिक्त खर्च बढ़ा उससे राहत दिलाने के लिए इंदिरा गांधी सरकार ने हवाई यात्रा पर सब्सिडी की शुरुआत की।

हज सब्सिडी उन यात्रियों को मिलती थी, जो हज कमेटी के जरिए जाते थे। प्राइवेट टूर ट्रैवल से जाने वाले जायरीनों को ये सब्सिडी नहीं मिलती थी।

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान संसदीय कमेटी ने हज सब्सिडी खत्म करने की सिफारिश की थी लेकिन वाजपेयी सरकार ने इसे बंद नहीं किया। 2006 में मनमोहन सरकार की भी एक संसदीय समिति ने हज सब्सिडी को एक समय सीमा के भीतर खत्म करने के सुझाव दिए थे। इसके बावजूद सरकार ने हज सब्सिडी को खत्म नहीं किया।

2012 में सुप्रीम कोर्ट के हज सब्सिडी 10 साल में खत्म करने के फैसले के बाद सरकार की तरफ से हर साल सब्सिडी की राशि में कटौती की जा रही।  समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 2017 में महज 250 करोड़ की हज सब्सिडी दी गई और अब 2018 में हज सब्सिडी को मोदी सरकार ने पूरी तरह से खत्म कर दिया है।

टॅग्स :हज यात्राHaj Yatra