उर्मिला मातोंडकर ने क्यों कहा शिवसेना हिंदुत्ववादी पार्टी है और हिंदू धर्म..
By गुणातीत ओझा | Published: December 24, 2020 09:35 PM2020-12-24T21:35:54+5:302020-12-24T21:37:01+5:30
हाल ही में शिवसेना में शामिल हुईं अभिनेत्री से राजनेता बनीं उर्मिला मातोंडकर ने कांग्रेस से अपने संबंधों को लेकर खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कांग्रेस के साथ कम समय के संबंध का उन्हें कोई पछतावा नहीं है।
हाल ही में शिवसेना (Shiv Sena) में शामिल हुईं अभिनेत्री से राजनेता बनीं उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) ने कांग्रेस (Congress) से अपने संबंधों को लेकर खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कांग्रेस के साथ कम समय के संबंध का उन्हें कोई पछतावा नहीं है। उनके मन में कांग्रेस के आलाकमान नेतृत्व के प्रति बहुत सम्मान है। उन्होंने कहा कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र (Maharashtra) विधान परिषद में गवर्नर के कोटा से सीट के ऑफर को लेने से इनकार कर दिया था। हालांकि, शिवसेना में आने के बाद उन्होंने यह ऑफर ले लिया है। उनका नाम पार्टी की ओर से गवर्नर भगत कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) को भेजा गया है लेकिन अभी तक उनके नाम को मंजूरी नहीं मिली है।
उर्मिला ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि 'मैं पार्टी में छह महीनों से भी कम समय के लिए थी और लोकसभा चुनावों में 28 दिनों के चुनावी कैंपेन में मैंने बहुत सी अच्छी यादें बटोरीं।' परिषद की सीट पर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि 'मैंने सोचा कि जब मैंने पार्टी छोड़ दी थी, तो फिर उनकी तरफ से दिया गया यह ऑफर लेना सही नहीं होगा।'
कांग्रेस की आलोचना करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'अगर मैंने कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी के खिलाफ नहीं बोला तो फिर मुझे नहीं समझ आता कि अब क्यों बोलना चाहिए।' उर्मिला मातोंडकर की पिछले साल के लोकसभा चुनावों में मुंबई नॉर्थ की सीट से हार हो गई थी। मई में रिजल्ट आने के कुछ दिनों बाद उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को एक चिट्ठी लिखकर कहा था कि पार्टी की भीतरी लड़ाई की वजह से उनके कैंपेन को नुकसान पहुंचा था। लेटर में उन्होंने महाराष्ट्र में पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम के दो करीबी नेताओं के बर्ताव की आलोचना की थी। उर्मिला ने इस बात से इनकार किया कि पार्टी छोड़ने की वजह हार थी। उन्होंने कहा कि 'मेरे लिए मेरी अंतरात्मा की आवाज ज्यादा मायने रखती है।'
उद्धव ठाकरे सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी की सरकार का अब तक का कार्यकाल बहुत अच्छा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 आउटब्रेक और प्राकृतिक आपदाओं का यह वक्त बहुत ही चुनौतीपूर्ण था। कांग्रेस और शिवसेना की विचारधारा में फर्क वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि 'सेकुलर होने का मतलब यह नहीं है कि आप किसी धर्म में विश्वास नहीं रखते। एक हिंदू होने का मतलब यह नहीं है कि आप दूसरे धर्मों से नफरत करते हैं। शिवसेना हिंदुत्ववादी पार्टी है। हिंदू धर्म महान धर्म है, सबको साथ लेकर चलता है।'
उर्मिला ने कहा कि 'मेरा इरादा लोगों का नेता बनने का है, जैसे कि लोगों ने ही मुझे फिल्म स्टार बनाया था।' उन्होने कहा कि वो बिना किसी जाति, धर्म और भेदभाव के काम करना चाहती हैं। 'मैं ऐसा नेता नहीं बनना चाहती जो एसी रूम में बैठकर ट्वीट करता है। मुझे पता है कि मुझे क्या करना है और कैसे करना है और मैं आगे भी सीखती रहूंगी।' उर्मिला ने कहा कि अगर विधान परिषद में उन्हें जगह नहीं भी मिलती है तो भी वो शिवसेना के लिए काम करती रहेंगी।