googleNewsNext

Shatabdi Roy को TMC ने बनाया उपाध्यक्ष, बगावती तेवर दिखाने का मिला इनाम| West Bengal Elections 2021

By गुणातीत ओझा | Published: January 18, 2021 12:32 AM2021-01-18T00:32:16+5:302021-01-18T00:33:21+5:30

पश्चिम बंगाल की सियासत में अपने फेसबुक पोस्ट से सुर्खियों में छाईं टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय का रुख आज बिल्कुल बदल गया। तृणमूल कांग्रेस सांसद शताब्दी रॉय को रविवार को पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

शताब्दी रॉय को टीएमसी का बड़ा 'गिफ्ट'
बनाया गया उपाध्यक्ष

पश्चिम बंगाल की सियासत में अपने फेसबुक पोस्ट से सुर्खियों में छाईं टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय का रुख आज बिल्कुल बदल गया। तृणमूल कांग्रेस सांसद शताब्दी रॉय को रविवार को पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बीरभूम से तृणमूल कांग्रेस सांसद शताब्दी ने बगावत के बाद पार्टी से समझौता कर लिया। इससे पहले, उनके भाजपा में जाने की अटकलें थीं। पार्टी में एक अहम जिम्मेदारी दिये जाने पर खुशी जाहिर करते हुए शताब्दी ने पत्रकारों से कहा कि वह पार्टी की एक समर्पित कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगी और आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार सुनिश्चित करेंगी।

 राज्य में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। शताब्दी ने कहा, ‘‘यदि आप पार्टी से जुड़े विषय को शीर्ष नेतृत्व तक ले जाते हैं तो इसका समाधान हो जाता है। यह घटनाक्रम यही साबित करता है। ’’ उन्होंने पार्टी संगठन में फेरबदल के तहत उन्हें प्रदेश इकाई उपाध्यक्ष नियुक्त किये जाने पर कहा, ‘‘ मैं फैसले का स्वागत करती हूं।’’ अभिनय की दुनिया से राजनीति में आईं शताब्दी रॉय ममता बनर्जी की पार्टी के फिल्म संस्कृति से जुड़े लोगों में प्रमुख चेहरा हैं। बीरभूम से वह लगातार तीसरी बार लोकसभा सदस्य हैं। वह उन प्रमुख नेताओं में शामिल हैं जो 2009 में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के सिंगुर और नंदीग्राम आंदोलनों में शामिल रही थी। इन आंदोलनों ने राज्य में वाम मोर्चे के शासन को समाप्त कर दिया और ममता के राज्य की सत्ता में काबिज होने का मार्ग प्रशस्त किया था। 

शताब्दी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी के कार्यक्रमों के बारे में सूचना नहीं दिये जाने को लेकर शुक्रवार को असंतोष प्रकट किया था और कहा था कि इससे उन्हें तकलीफ पहुंची है। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा था कि वह शनिवर को लोगों को इस बारे में सूचना देंगी कि क्या वह कोई फैसला लेती हैं, जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने उनसे संपर्क साधान शुरू कर दिया था। हालांकि, उन्होंने अपना रुख बदला और ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा प्रकट किया। उन्होंने शुक्रवार शाम डायमंड हार्बर सांसद (अभिषेक बनर्जी)से मुलाकात की थी। तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी पार्टी नहीं छोड़ने के लिए मनाने के वास्ते शताब्दी से मुलाकात की थी। 

अपनी शिकायतों का हल निकलने के बाद शताब्दी ने शनिवार को अभिषेक की सराहना की, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे हैं। उन्होंने अभिषेक बनर्जी की प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘‘जिस तरह से युवा नेता ने उनके सभी मुद्दों के समाधान का आश्वासन दिया, उससे वह खुश हैं’’। अभिषेक के साथ करीब दो घंटे तक चली बैठक से लौटने पर उन्होंने स्पष्ट किया कि वह तृणमूल कांग्रेस में ही रहेंगी। शताब्दी ने पार्टी के सहकर्मियों से यह भी कहा था कि जब पार्टी कड़े मुकाबले का सामना कर रही है, ऐसे में दूसरे विकल्पों की ओर देखना अनैतिक होगा।

टॅग्स :टीएमसीममता बनर्जीTMCMamata Banerjee