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Shabnam Amroha Case : शबनम के Death Warrant पर आज होगी सुनवाई, मथुरा जेल भेजी जाएगी र‍िपोर्ट!

By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: February 23, 2021 02:44 PM2021-02-23T14:44:44+5:302021-02-23T14:45:17+5:30

अमरोहा के बावनखेड़ी की  शबनम को फांसी के फंदे पर कब लटकाया जाएगा, इस पर अमरोहा सेशन कोर्ट में 23 फरवरी यानि आज सुनवाई होगी. सुनवाई के बाद ही सेशन कोर्ट से रिपोर्ट रामपुर व मथुरा जेल को भेजी जानी है. इस रिपोर्ट में अगर कोई लंबित दया याचिका पाई गई तो शबनम की फांसी टल सकती है. हाल ही में शबनम ने भी सीबीआई जांच की मांग की है. 

 शबनम ने अप्रैल 2008 की रात को अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव में अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने परिवार के सात सदस्‍यों की हत्‍या कर दी थी। शबनम जुलाई 2019 से रामपुर जेल में बंद है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने शबनम और सलीम की दया याचिका खारिज कर दी है।

इसी बीच शबनम के 12 साल के बेटे ताज  ने एक बार फिर से राष्‍ट्रपति से अपनी मां को माफ कर देने की अपील की थी. वही दूसरी औरअयोध्‍या के संत महंत परमहंस दास ने भी राष्‍ट्रपति से अनुरोध किया था कि महिला होने के नाते शबनम को माफ किया जाए।

अगर शबनम को फांसी दी जाती है तो आजाद भारत के इतिहास में किसी महिला अपराधी को फांसी देने का यह पहला मामला होगा। शुक्रवार को इस मामले में दो वकील शबनम से रामपुर जेल में मिले थे। उन्‍होंने शबनम की ओर से राज्‍यपाल को पुनर्विचार याचिका भेजे जाने की बात कही थी।

बता दें, 15 अप्रैल 2008 को अमरोहा के गांव बामन खेड़ी की रहने वाली शबनम ने अपने प्रेमी सलीम की मदद से प्रेम सम्बन्धों में बाधा बने अपने माता पिता, दो भाई, भाभी, मौसी की लड़की और भतीजे को कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया था. निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक शबनम के इस अपराध पर उसे फांसी की सजा सुनाई गई. राष्ट्रपति ने भी शबनम की सजा को बरकरार रखा और दया याचिका खारिज कर दी. इसी के साथ अब शबनम को फांसी देने की तैयारी शुरू कर दी गई है. मथुरा जिला कारागार स्थित फांसी घर में शबनम को फांसी दी जाएगी.

 

यह आजाद भारत में किसी महिला को पहली फांसी होगी. जेल प्रशासन ने रस्सी बनाने का ऑर्डर और शबनम के वजन के बराबर पत्थर को लटकाने की रिहर्सल शुरू कर दी है. यहां तक कि मेरठ का जल्लाद पवन कई बार मथुरा जिला जेल में फांसी की तैयारी का जायज़ा ले चुका है. हालांकि, अभी जेल प्रशासन को शबनम के डेथ वॉरंट का इंतजार है.

दिसंबर 2008 को शबनम ने मुरादाबाद की जेल में एक बेटे को जन्म दिया था।जेल में पैदा हुए शबनम के इस बेटे ताज को बुलंदशहर के उस्मान सैफी और उनकी पत्नी ने अपनाया. ताज की परवरिश यह दंपती ही करता है.  शबनम का बेटा अब 12 साल का हो चुका  और वो क्लास 6 th में पड़ता है. बच्चा दंपती को छोटी मम्मी-पापा कहता है.

टॅग्स :अमरोहाAmroha