लोकसभा चुनाव 2024ः छोटी काशी से शुरू हुई अखिलेश की लोक जागरण यात्रा, सामाजिक न्याय और जातिगत जनगणना को बनाएँगे मुद्दा!
By राजेंद्र कुमार | Published: June 6, 2023 05:13 PM2023-06-06T17:13:48+5:302023-06-06T17:15:59+5:30
Lok Sabha Elections 2024: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि सपा सबको बताएगी कि जब तक जातीय जनगणना नहीं होगी, तब तक कुछ नहीं हो सकता.

धार्मिक शहर में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर नर्म हिंदुत्व का संदेश देने का प्रयास किया.
लखनऊः समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारियों के लिए सूबे की छोटी काशी (लखीमपुर खीरी) से अपनी यात्रा की शुरुआत मंगलवार को कर दी. अखिलेश ने इसका नाम लोक जागरण यात्रा रखा है. मंगलवार को यह यात्रा लखीमपुर से चल कर धौरहरा तक गई.
सामाजिक न्याय और जातिगत जनगणना के नारे के साथ अब यह यात्रा पूरे प्रदेश में निकली जाएगी. यहां देवकली में आयोजित पार्टी के प्रशिक्षण शिविर में अखिलेश यादव ने इस यात्रा के उद्देश्य को स्पष्ट किया और जातीय जनगणना के मुद्दे को भी उठाया. अखिलेश ने कहा कि सपा सबको बताएगी कि जब तक जातीय जनगणना नहीं होगी, तब तक कुछ नहीं हो सकता.
अखिलेश जातीय जनगणना की मांग करते रहे हैं. उनका मानना है, जातीय जनगणना करवाकर इसके आंकड़े सार्वजनिक किए जाने चाहिए और आगामी लोकसभा चुनाव में जातीय जनगणना एक बड़ा मुद्दा बनेगा और अंबेडकरवादी, समाजवादी और लोहिया वादी एक हो जाएं तो भाजपा गायब हो जाएगी.
लखीमपुर खीरी जिसे छोटी काशी भी कहा जाता है, सूबे के एक प्रमुख धार्मिक स्थल है. गोला गोकर्णनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है. लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने पार्टी के संगठन को मजबूत करने के उद्देश्य से इस धार्मिक शहर में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर नर्म हिंदुत्व का संदेश देने का प्रयास किया.
इसके साथ ही उन्होंने जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय के मुद्दे पर लोक जागरण यात्रा की शुरुआत कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अपना मंसूबा भी बता दिया. अब यह यात्रा हर लोकसभा सीट पर प्रशिक्षण शिविर के बाद निकाली जाएगी. कहा जा रहा है, सामाजिक न्याय और जातिगत जनगणना के मुद्दे पर निकाली जा रही लोक जागरण यात्रा के जरिए सपा ने दलित और पिछड़ों को साधने की रणनीति बनाई है. यह बात सही भी है, अखिलेश यादव का पूरा फोकस बहुजन समाज पार्टी के दलित वोट बैंक पर सेंध लगाने की है.
अखिलेश को लगता है मायावती पर भाजपा का सहयोगी होने का जो आरोप लग रहा है, उसके चलते वाल्मीकि, पासी, खटीक जैसी एससी जातियों का समर्थन सपा को मिल सकता है. इसके अलावा भाजपा के गैर यादव पिछड़े वोट बैंक में सेंध लगाई जा सकती है. इसके लिए उन्होंने जातीय जनगणना का नारा पकड़ा है.
इसी नारे के साथ वे लोक जागरण यात्रा पर निकल रहे हैं. जातीय जनगणना ऐसा नारा है जिससे पिछड़ी जाति की राजनीति करने वाली कोई भी पार्टी विरोध नहीं कर सकती है. यूपी में बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल भी इसके समर्थन में है. अपनी इस मंशा की पूर्ति के लिए अखिलेश ने यात्रा निकाल रहे हैं.
पार्टी के प्रशिक्षण शिविर में अखिलेश ने यह कहा भी. और शिविर को संबोधित करते उन्हे उन्होने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए उन्हे जनता के बीच भाजपा की जनविरोधी नीतियों को उठाने की सलाह दी. अखिलेश ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा देश और प्रदेश में जितना निजीकरण को बढ़ावा जाएगा तो हमारे आपके अधिकार छीन जाएंगे.
भाजपा के लोग झूठा प्रचार कर रहे हैं. बिना आंकड़ों के भाजपा सबका साथ सबका विकास का दावा कर रही है. बेरोजगारी चरम पर है, डीजल, पेट्रोल, सिलिंडर, आटा आदि की कीमत बढ़ रही है और किसानों के मुद्दे पर जिन कंपनियों के लिए काले कानून लाए गए थे, वही कंपनियां आपका पूरा गेहूं खरीद रही हैं.
अगर सरकार ईमानदार है तो बताइए कि सरकार ने किसानों से कितना गेहूं खरीदा, कोई आंकड़ा है. पार्टी कार्यकर्ताओं से अखिलेश ने यह भी कहा, आगामी लोकसभा चुनावों के लिए आप आज ही से तैयार हो जाएं और जून के पहले सप्ताह में बूथ और सेक्टर स्तर का संगठन तैयार हो जाए.