कांवड़ यात्रा की तैयारी हुई शुरू, चलेंगी स्पेशल ट्रेनें, ये हाईवे होंगे बंद, चार धाम रूट में बदलाव, पढ़ें पूरी डिटेल
By गुलनीत कौर | Published: July 8, 2019 03:32 PM2019-07-08T15:32:07+5:302019-07-08T15:32:07+5:30
कांवड़ यात्रा को ध्यान में रखते हुए 18 जुलाई की रात से एनएच-58 पर भारी वाहनों का डायवर्जन किया जाएगा। 23 जुलाई से मार्ग को वनवे कर दिया जाएगा और 26 से 31 जुलाई तक हाईवे वाहनों के लिए बंद रहेगा।
17 जुलाई, 2019 से भगवान शिव का प्रिय महीना शुरू हो रहा है और इसी के साथ ही आरम्भ होती है कांवड़ यात्रा। हिन्दू पंचांग की मानें तो 16 जुलाई की रात को चंद्रग्रहण होगा और अगले ही दिन से सावन शुरू हो जाएगा। इसी दिन यानी 17 जुलाई को सूर्य राशि बदलकर मिथुन से कर्क में प्रवेश करेंगे। यह बुधवार का दिन होगा। 22 जुलाई को सावन का पहला सोमवार, 29 जुलाई को दूसरा, 5 अगस्त को तीसरा और 12 अगस्त को सावने के महीने का अंतिम और चौथा सोमवार है। सावन का यह पवित्र महीना 15 अगस्त, दिन गुरूवार को समाप्त होगा।
कांवड़ यात्रा का होगा आगाज
17 जुलाई को श्रावण का महीना शुरू होने के साथ ही शिव भक्त कांवड़ियों की यात्रा शुरू हो जाएगी। पश्चिम उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा सहित आसपास के कई इलाकों से कांवड़िए बम-बम भोले, हर-हर महादेव के जयकारे लगाते हुए नजर आने लगेंगे। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार हरिद्वार से गंगा जल लाने वाले कांवड़ियों की संख्या तीन करोड़ तक पहुंच सकती है। इस भीड़ को देखते हुए ही भारतीय रेल, उत्तर प्रदेश और हिमाचल की सरकार ने पुख्ता इंतजाम कराने की घोषणा की है।
कांवड़ यात्रा के लिए स्पेशल ट्रेनें
खबर है कि कांवड़ यात्रा में श्रद्धालुओं की बढ़ती हुई संक्या को देखते हुए शुरुआत में ही दो कांवड़ स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। ये ट्रेनें उत्तर प्रदेश, से दिल्ली के रूट से होते हुए हरिद्वार पहुंचाएंगी। बहरहाल ट्रेनों के नाम, रूट और चलने की तारीख एवं समय का कोई खुलासा नहीं किया गया है। मगर स्पेशल ट्रेनें जरूर चलाई जाएँगी, इस बात की घोषणा भारतीय रेल द्वारा लार दी गई है।
कांवड़ यात्रा के लिए रोडवेज की बसें, यात्रा के मार्ग की साफ-सफाई
- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा को लेकर खास निर्देश दिए गए हैं। जिसमें से पहला है रोडवेज की बसों को बढ़ाना
- यात्रा के मार्ग की अच्छी तरह से साफ सफाई की जाएगी और यात्रा के पहले दिन हेलिकॉप्टर से फूलों की वर्षा की जाएगी
- पिछले साल की तरह इस साल भी योगी सरकार ने डीजे पर प्रतिबन्ध नहीं लगाया है। शर्त सिर्फ इतनी है कि फ़िल्मी गानें नहीं लगेंगे
- यात्रा के दौरान थर्मोकोल और पॉलिथीन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है
- मार्ग में आने वाले सभी शिव मंदिरों में स्वच्छता, उचित पेयजल, बिजली और सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं
- मार्ग में आने वाले हर शराब या अवैध बूचड़खाने के संचालन को यात्रा समाप्त होने तक बंद कर दिया जाएगा
- मार्ग के सभी भीड़ भरे रास्तों पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी
एनएच-58 के वाहनों और चार धाम रूट में डायवर्जन
कांवड़ यात्रा को ध्यान में रखते हुए 18 जुलाई की रात से एनएच-58 पर भारी वाहनों का डायवर्जन किया जाएगा। 23 जुलाई से मार्ग को वनवे कर दिया जाएगा और 26 से 31 जुलाई तक हाईवे वाहनों के लिए बंद रहेगा। केवल कांवड़ यात्री यहां से गुजर सकते हैं।
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चार धाम यात्रा में भी कांवड़ यात्रा के चलते बदलाव किए जाने की बात की गई है। चार धाम के लिए केदारनाथ और बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों को मुजफ्फरनगर से बिजनौर, कोटद्वार, पौड़ी, श्रीनगर होकर जाना होगा। इसके अलावा यमुनोत्री और गंगोत्री जाने वाले श्रद्धालुओं का भी रूट बदलकर उन्हें सहारनपुर से विकासनगर रूट इस्तेमाल करने को कहा जाएगा।
कांवड़ यात्रा का महत्व
हर साल श्रावण के महीने में लाखों की तादाद में कांवड़िये दूर-दूर से आकर गंगा जल भरते हैं और अपने कन्धों पर उसे लेकर पदयात्रा करते हुए वापस लौटते हैं। श्रावण की चतुर्दशी के दिन इस गंगा जल से कांवड़िये आसपास के शिव मंदिरों में शिव का अभिषेक करते हैं। मान्यता है कि सावन भगवान शिव का प्रिय महीना है और इस महीने में पवित्र गंगा जल से उनका अभिषेक करने से वे मन की हर मुराद पूरी कर देते हैं।