कहीं हवाई जहाज तो कहीं कमल का फूल, इस शहर की छत पर रखी टंकियों का यूनीक है शेप
By मेघना वर्मा | Published: September 11, 2018 10:02 AM2018-09-11T10:02:55+5:302018-09-11T10:31:58+5:30
जब कोई टैंकर या स्टैच्यू ऑर्डर होता है तो सबसे पहले उसकी डिजाइनिंग की जाती है। पेंसिल और पेपर पर डिजाइन करके उनकी बारिकियों पर फोकस किया जाता है।
भारत देश कलाकारों का देश हैं। यहां हर आदमी अपने क्षेत्र का महारथी कहा जा सकता है। यहां लोगों में हुनर की बिल्कुल कमी नहीं है। इसी हुनर का नमूना आपको पंजाब के जलंधर शहर में देखने को मिलेगा। इस शहर की हर छत पर रखी टंकिया कुछ यूनीक अंदाज मे दिखाई देंगी। कहीं हवाई जहाज नुमा टंकी होगी तो कहीं कमल के फूल के रूप में टंकी बनी हुई होगी। सिर्फ यही नहीं इस घरों पर यूनीक टंकियों को बनाने के पीछे अपना अलग-अलग कारण भी है। आज हम आपको इसी यूनीक अंदाज के पीछे की कहानी बताने जा रहे हैं।
पिता-पुत्र ने शुरू की ये पहल
पंजाब के जलंधर शहर की छतों पर आपको अतरंगी पानी की टंकियां देखने को मिलेंगी। यह पानी की टंकिया अपनी एक कहानी बयान करता है। आप इसे जलंधर का यूनीक वॉटर टैंक भी कह सकते हैं। इसे बनाने का श्रेय जाता है 65 साल के राम लुभाया कौल और उनके बेटे बलविन्दर कौल को। मीडिया में दिए अपने इंटरव्यू में लुभाया कौल ने बताया कि उन्हें 1995 में एक टैंक बनाने का ऑर्डर आया था जिसके बाद से उनकी जिंदगी बदल गई। इस टैंक की डिजाइन में एक बड़े फुटबॉल को बनवाया गया था। जिसे सफलता पूर्वक बनाकर लुभाया कौल टैंकर के सिकंदर बन गए। इस फुटबॉल को टैंकर रूप देने के लिए कि उन्होंने दो हिस्से में फुटबॉल को बनाया और टैंकर के रूप में उसे जोड़ दिया। इसके बाद से उनके पास ऐसे ही अजीबो-गरीब और अतरंगे टैंक बनाने के ऑर्डर आते रहे।
सबसे पहले होती है डिजाइनिंग
जब कोई टैंकर या स्टैच्यू ऑर्डर होता है तो सबसे पहले उसकी डिजाइनिंग की जाती है। पेंसिल और पेपर पर डिजाइन करके उनकी बारिकियों पर फोकस किया जाता है। इसके बाद बारी आती है सरिए के साथ उसका ढांचा बनाने की। जब एक बार ढ़ाचां बनकर तैयार हो जाता है तो उसे टैंकर का रूप दिया जाता है। इसके बाद उसमें ऊपर से रंग करके छतों के ऊपर चढ़ाया जाता है।
नहीं करते नई तकनीक पर ज्यादा भरोसा
टैंकर बनाने वाले इस पिता और बेटे की जोड़ी के लिए ये सब काम करना आसान नहीं था। आधुनिक समय में आज जहां आर्किटेक्ट नई तकनीकियों के साथ अपने डिजाइन्स बनाते हैं वहीं लुभाया कौल आज भी अपने तजुर्बे को सबसे ऊपर मानते हैं। यही कारण है कि आज भी बिना किसी वैज्ञानिक तकनीक के वह यूनीक टैंकर बनाने का काम अपने हाथों से ही करते हैं।
यहां के ज्यादातर लोग है एनआरआई
जलंधर के इस इलाके के ज्यादातर लोग एनआरआई हैं और अपने घर को थोड़ी यूनीक पहचान देने के लिए उन्होंने अपने घर पर तरह-तरह के डिजाइन की मूर्तियां या टंकियां बनावा रखी हैं। किसी के घर के ऊपर हवाई जहाज जैसा टैंकर है तो किसी के घर के ऊपर किसान का स्टैच्यू बना है। तो अगली बार जब भी आपका जलंधर आना हो तो इन घरों की टंकियों को देखना मत भूलिएगा।