सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तब पृथ्वी पर पड़ने वाली सूर्य की किरणें अवरुद्ध हो जाती हैं और पृथ्वी के कुछ भागों पर चंद्रमा की परछाईं पड़ने लगती है जिसे हम सूर्य ग्रहण कहते हैं। Read More
सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की चाल इस साल दुनिया भर के खगोल प्रेमियों को दो सूर्यग्रहणों और चार चंद्रग्रहणों समेत ग्रहण के छह रोमांचक दृश्य दिखायेगी। हालांकि, भारत में इनमें से केवल तीन खगोलीय घटनाओं के नजर आने की उम्मीद है। उज्जैन की प्रतिष्ठित शासकीय ...
देशभर में हजारों लोगों ने इस खगोलीय घटना को देखा, हालांकि उत्तर भारत में बादल छाये रहने की वजह से अधिकतर लोग ग्रहण नहीं देख पाए। जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आया और तीनों एक सीध में आ गये, देशभर में छतों, समुद्र तटों और अन्य खुले स्थानों पर एवं ...
सुल्तानपुर गांव में बच्चों के माता-पिता ने उनकी दिव्यांगता को दूर करने के लिये उन्हें कीचड़ में गले तक जिंदा गाड़ दिया। कीचड़ में कथित रूप से गोबर मिला था। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और जिला प्रशासन घटना की जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचे। ...
देश और दुनिया के कई हिस्सों में 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण देखा गया। यह ग्रहण विशेष खगोलीय घटना है, क्योंकि इस दिन सूर्य 'रिंग ऑफ फायर' यानी आग की अंगूठी की तरह दिखा। सूर्य ग्रहण से कई तरह की आस्थाएं और विश्वास जुड़े हुए हैं लेकिन इस वीडियो में हम आपको ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में आसमान में बादल छाए रहने के कारण सूर्य ग्रहण नहीं देख सके लेकिन उन्होंने कोझिकोड और अन्य हिस्सों से लाइव स्ट्रीम के जरिए इसकी झलक देखी। ...
सूर्य ग्रहण देखने के लिए सबसे जरूरी ये है कि आप ग्रहण के समय धरती के उस हिस्से में रहे जहां सूरज की रोशनी पहुंच रही हो। सूर्य ग्रहण तीन तरह के होते हैं। ...
Solar Eclipse: हिंदू मान्यताओं में सूर्य और चंद्र ग्रहण का कारण राहु-केतु को बताया गया है। वहीं, विज्ञान के अनुसार जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य ग्रहण होता है। ...