जैसे आम लोग अपने काम के लिए बैंकों से लोन लेते है, उसी तरह बैंक अपने काम के लिए रिजर्व बैंक से लोन लेते हैं। इस लोन बैंक जिस रेट से ब्याज चुकाते हैं उसे रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट का सीधा असर आम लोगों पर पड़ता है, क्योंकि अगर रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को महंगा लोन मिलेगा और वो अपने ग्राहकों को ज्यादा रेट पर लोन देंगे। वहीं अगर रेपो रेट कम होगो तो कों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगा और वो भी ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे सकते हैं। Read More
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की घोषणा कर रहे हैं। प्रमुख नीतिगत निर्णयों पर विचार-विमर्श के लिए एमपीसी इस सप्ताह मुंबई में बैठक कर रही है। ...
Reserve Bank of India: ईटीपी किसी मान्यता प्राप्त शेयर बाजार के अलावा किसी भी इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली को संदर्भित करता है, जिस पर पात्र उत्पादों में लेनदेन के लिए सौदे किए जाते हैं। ...
RBI Monetary Policy 2024: आरबीआई सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी सुगम बनाने के लिए मोबाइल ऐप पेश करेगा। भारत, विदेशों से भेजे जाने वाले धन प्रेषण (मनी ऑर्डर) के मामले में अगुवा बना हुआ है। ...
Share Market Updates: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी दोपहर के कारोबार में जहां 21,000 अंक के स्तर को पार कर गया, वहीं सेंसेक्स दिन में कारोबार के उच्चस्तर 69,888.33 अंक पर पहुंच गया। ...